पत्र लेखन परिभाषा और औपचारिक और अनौपचारिक पत्र की परिभाषा।
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पत्र लेखन की परिभाषा
कागज के माध्यम से समाचारो का आदान प्रदान करना ही पत्र लेखन कहलाता है। प्राचीन समय में पत्र लेखन का प्रचलन बहुत अधिक था, फिर चाहे पत्र औपचारिक हो या अनौपचारिक दोनों ही स्तिथी में कागज में लिखे जाने वाले पत्रों का उपयोग किया जाता था।
औपचारिक पत्र - वो पत्र औपचारिक पत्र कहलाता है, जो एक पेशेवर भाषा में लिखा गया हो, जो एक औपचारिक उद्देश्य के लिए निर्धारित प्रारूप के साथ हो. इसमें आने वाले पत्र एक सिफारिश पत्र, जांच पत्र, शिकायत पत्र, कवर पत्र, आदि हो सकते हैं. जितने भी व्यावसायिक पत्र होते हैं, वो सभी औपचारिक पत्र कहलाते हैं, परन्तु इसके विपरीत संभव नहीं है. इस प्रकार के पत्रों का प्रयोग अलग अलग कारणों से किया जाता हैं. इसमें हम औपचारिक निमंत्रण, प्रस्ताव, संदर्भ, शिकायत या पूछताछ, नौकरी के लिए आवेदन, आदि भी कर सकते हैं।
अनौपचारिक पत्र - वो पत्र होते हैं, जिन्हे किसी ऐसे व्यक्ति के लिए लिखा जाता है, जिसके साथ हमारा इनफॉर्मल रिलेशन होता है. ये हम अपने दोस्तों, माता पिता, भाई बहन, रिश्तेदारों, आदि को लिखते हैं. इसमें किसी भी औपचारिकता की आवश्यकता नहीं होती है. इनका प्रयोग हम एक दूसरे के हाल-चाल पूछने, किसी को बधाई देने, किसी से कोई सवाल पूछने, किसी को सलाह देने, आदि के लिए प्रयोग करते हैं. इसमें कोई कार्यालयी भाषा का प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं होती है. इसमें कोई त्रुटि, आदि भी माफ़ होती हैं.
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