पत्र--सही या गलत x का निशान लगाइए
1. 19 वर्ष की आयु में ही कृपाराम के मन में वैराग्य की भावना जागनेलगी।
2. पंडित लेख राम की मृत्यु लंबी बीमारी के कारण हुई।
3. इस देश के सभी नाम इसके गुणों के प्रतीक हैं।
4. झूठ पर किया हुआ विश्वास जीवन को सफल बनाता है।
5. भगत सिंह का बलिदान दिवस 23 मार्च को मनाया जाता है।
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Explanation:
पंडित लेखराम (१८५८-१८९७), आर्य समाज के प्रमुख कार्यकर्ता एवं प्रचारक थे। उन्होने अपना सारा जीवन आर्य समाज के प्रचार-प्रसार में लगा दिया। वे अहमदिया मुस्लिम समुदाय के नेता मिर्जा गुलाम अहमद से शास्त्रार्थ एवं उसके दुष्प्रचारों के खण्डन के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। पंडित लेखराम ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए हिंदुओं को धर्म परिवर्तन से रोका व शुद्धि अभियान के प्रणेता बने।[1]
पण्डित लेखराम आर्य
स्वामी दयानन्द का जीवनचरित् लिखने के उद्देश्य से उनके जीवन सम्बन्धी घटनाएँ इकट्ठी करने के सिलसिले में उन्हें भारत के अनेकानेक स्थानों का दौरा करना पड़ा। इस कारण उनका नाम 'आर्य मुसाफिर' पड़ गया। पं॰ लेखराम हिंदुओं को मुसलमान होने से बचाते थे। एक कट्टर मुसलमान ने ३ मार्च सन् १८९७ को ईद के दिन, 'शुद्धि' कराने के बहाने, धोखे से लाहौर में उनकी हत्या कर डाली।
जीवनी
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