पत्रकारिता के विभिन्न माध्यमों में युवा रोजगार की संभावनाएं विषय एक लिखिए
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स्वरोजगार
या
युवा स्वरोजगार योजना
आज बेरोजगारी बढ़ती हुई महंगाई की तरह एक भयानक स्वस्या है। जीवन-स्तर लगभग तय हो चुका है। लोकतं9 ने आम आदमी को स्वप्नों से संबंध कियाहै, उनमें परिकल्पनाओं का स्वर्ग महाकाया और जीने की महती अकांक्षांए पैदा की है। उसके लिए रोजगार चाहिए। नई पीढ़ी तो स्वप्नों की पीढ़ी है जो बहुत कुछ करना चाहती है। उसमें जोश है, कुछ कर पाने की तमन्ना है ओर शक्ति है। जरा कल्पना कीजिए जीवन के सुंदर स्वप्न बुनने वाला जब बेकारी की दहलीज पर खड़ा सूखे आसमान पर चटकती धरती की ओर देखेगा तब उसके अंतर्मन पर क्या बीत रही होगी। उसके सृजित आत्मविश्वास, उम्मीद और स्वप्नों पर क्या बीत रही होगी। क्या उसके सामने स्याहा अंधेरा समुद्र की तरह उछाले नहीं ले रहा होगा।
वह बराबर अपने से प्रश्न करता होगा कि सोलह-सत्रह वर्ष अध्ययन की भेंट क्यों किए? क्यों उसने जीने के स्वप्न बनें? कौन है उसके लिए जिम्मेदार? अब वह क्या करे? कौन सी दिशा की ओर आगे बढ़े। चारों तरफ ‘नो वेकेंसी’ की तख्ती लटकी हुई है। समाज को उसकी जरूरत नहीं है। राज्य को उसकी जरूरत नहीं है परिवार के लिए वह भार है। उसकी कितनीदयनीय स्थिति है। उसी योज्यता, क्षमता, शक्ति, सूझबूझ और अक्ल सब धराशायी हो चुकी है। वह निकम्मा है। वह शक्तिहीन है, वह विवेकहीन है और वह अपाहित है। सारी दुनिया उसकी शत्रु है। वह किसी भयावह षडय़ंत्र में फंस चुका है। उसे षडय़ंत्र में फंसाया गया है। फंसाने वाला कौन है? यहां उसका संशकित मन और परास्त बुद्धि अपने शत्रु को तलाश करने का काम शुरू करती है। अब उसकी अपनी सारी शक्ति शत्रु को तय करने में लग जाती है।
महत्वाकांक्षा और स्वप्नों को संजोए नवयुवक को अचानक जब तपती हुई रेतीली धरती पर अकेला छोड़ दिया जाता है तब वह आक्रोश, आशंका, अंनस्तित्व, वर्जना, कुंठी आदि के दलदल में फंसने लगता है।
मैं भी बराबर इन्हीं परिस्थितियों से गुजरने लगा था, मेरे सामने अंधेरा था बेकारी के दैतय की छोया मुझे या तो निगल जाने का प्रयास कर रही थी अथवा वह मुझे अपराध की दुनिया में धकेल देना चाहती थी। धनहीन जीवन कैसा नरक है यह वही जान सकता है जिसने उसे भोगा है। धन नहीं तो कुछ नहीं है। जीवन निस्सार है। स्वंय उस व्यक्ति को अपने जीवन से घृणा होने लगती है। जटिल आक्रोश उसे नास्तिक बना डालता है और वह सोचने लगता है कि वह किसी पूर्व नियोजित षडय़ंत्र का शिकार हुआ है।