Hindi, asked by rjsahu844, 30 days ago

पत्थर तोड़ती हुई महिला को कवि निराला ने कहां और किस समय देखा​

Answers

Answered by jamvantidevi8khushi
5

Answer:

वह तोड़ती पत्थर' प्रसिद्ध छायावादी कवि सूर्य कान्त त्रिपाठी ' निराला ' द्वारा रचित है। निराला जी अपनी रचनाओं में जीवन के मार्मिक दृश्य को उजागर करते है। कवि कहते है, मैने एक महिला को पत्थर तोड़ते हुए देखा। कवि हैदराबाद के किसी रास्ते पर उस महिला को पत्थर तोड़ते हुए देखते है।

Answered by bhatiamona
1

पत्थर तोड़ती हुई महिला को कवि निराला ने कहां और किस समय देखा​:

उत्तर : तोड़ती पत्थर  कविता  सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला द्वारा लिखी गई है |

कविता में कवि कहना चाहते है , वह तोड़ती पत्थर कविता में निराला ने प्रतिकूल परिस्थितियों में श्रम करती महिला का चित्रण किया है |

पत्थर तोड़ती हुई महिला को कवि निराला ने इलाहाबाद की किसी सड़क के किनारे पत्थर तोड़कर गिट्टी बनाती मज़दूर औरत मेहनत करते हुए देखा | पात्र सर्व हारा वर्ग की एक महिला है जो पत्थर तोड़ने जैसा श्रम साध्य कर रही है | नायिका स्वयं एक जड़ पत्थर की भाँति है जिसे नियति लगातार तोड़ रही है I श्रमिका पत्थर तोड़ने जैसे कठोर कर्म में प्रवृत्त है I वह एक वृक्ष  के नीचे बैठी है पर वह पेड़ तनिक भी छायादार नहीं है I

Similar questions