Hindi, asked by jassv1496, 2 days ago

patakoh se hone wale pradushan ke upar nibandh likhe

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Answered by bhaktichotaliya1234
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Answer:

प्रस्तावना

दिवाली भारतीयों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है और हमारे लिए लगभग कोई भी त्योहार आतिशबाजी के बिना पूरा नही माना जाता है। लोग पटाखों और आतिशबाजी को लेकर इतने उत्सुक होते हैं कि वह दिवाली के एक दिन पहले से ही पटाखे फोड़ना शुरु कर देते हैं और कई बार तो लोग हफ्तों पहले ही पटाखे फोड़ना शुरु कर देते है। भले ही पटाखे आकर्षक रंग और कलाकृतियां उत्पन्न करते हो पर यह कई प्रकार के रसायनों का मिश्रण होते हैं, जिनके जलने के कारण कई प्रकार के प्रदूषण उत्पन्न होते है।

वायु प्रदूषण

पटाखों में मुख्यतः सल्फर के तत्व मौजूद होते हैं। लेकिन इसके अलावा भी उनमें कई प्रकार के बाइंडर्स, स्टेबलाइजर्स, ऑक्सीडाइज़र,रिड्यूसिंग एजेंट और रंग मौजूद होते हैं। जोकि रंग-बिरंगी रोशनी पैदा करते हैं यह एंटीमोनी सल्फाइड, बेरियम नाइट्रेट, एल्यूमीनियम, तांबा, लिथियम और स्ट्रोंटियम के मिश्रण से बने होते हैं।

निष्कर्ष

जो लोग पटाखे जलाना चाहते है, वह इसके विरुद्ध बनने वाले नियमों को लेकर काफी नाराज हो जाते है और पटाखों के प्रतिबंध में तर्क देते हैं कि इनके द्वारा उत्पन्न होने वाला प्रदूषण ज्यादे दिन तक नही रहेगा। लेकिन ऐसा तर्क देने वाले लोग यह भूल जाते हैं कि उन दिनों के दौरान हवा इतनी प्रदूषित रहती है कि लोगो के स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम होते हैं, खासतौर से बच्चों और बुजर्गों में इनका लंबे समय तक नकरात्मक स्वास्थ्य परिणाम देखने को मिलते हैं। ज्यादे से ज्यादे जागरुकता और बेहतर कानून ही पटाखों द्वारा उत्पन्न होने वाले प्रदूषण से लड़ने का सबसे अच्छा तरीका है।

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