"पतनशील सामंती समाज झूठी शान के लिए जीता है" - 'लखनवी अंदाज़ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
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इस पाठ के आधार पर यह पूर्णता स्पष्ट होता है कि पतनशील सामंती समाज झूट्ठी शान के लिए जीता है क्योंकि पाठ मे नवाब शान ने खीरा सूंग कर खिड़की से बाहर फेंक दिया । अन्यथा वे ऐसे नहीं करते क्योंकि ऐसे करके उन्होंने अपने नवाबिपन ओर अपनी कम सोच का परिचय दिया है ऐसे करके उन्होंने अन्न का अपमान किया है
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Answer:जीवन शैली बनावटी, वास्तविकता से बेखबर, सामाजिकता से दूर, दूसरों की संगति के लिए उत्साह नहीं, ट्रेन में उनकी भाव-भंगिमा बनावटी, खानदानी रईस बनने का अभिनय, खीरा खाने में भी नज़ाकत, खाने की कल्पना मात्र से पेट भरने वाले ये सब बातें नवाब साहब के पतनशील सामन्ती वर्ग का जीता-जागता उदाहरण प्रस्तुत करती हैं।
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