Hindi, asked by vamsisudha2760, 9 months ago

Path ki pehchan kabita me kabi me path per chalne ke phle kya karne ko kaha hai

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Answered by hardik6460
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Answer:

प्रस्तुत कविता में कवि बच्चन ने पथिक के माध्यम से यह प्रेरणा दी है कि मनुष्य को अपने पथ की पहचान स्वयं करनी चाहिए, क्योंकि जीवन के मार्ग में अपने ही अनुभव सबसे श्रेष्ठ होते हैं। इस मार्ग का निर्धारण किसी दूसरे उपदेश या पुस्तकों को पढ़कर नहीं किया जा सकता है।

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