Hindi, asked by 6b181012405pratishth, 1 month ago

पथिक क्या सोचकर जल्दी-जल्दी चलता है?​

Answers

Answered by tabishhaider824
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Answer:

पथिक कौ भय है कि कही जीवन-पथ में ही काल-रात्रि न आ जाए। दिन भर का थका-माँदा पथिक रात के अंधकार के, विषाद के आने से पहले अपनी मंजिल पर पहुँच जाना चाहता है। कवि को लगता है कि दिन बहुत जल्दी ढल रहा है। कुठा और निराशा से घिरे व्यक्ति के जीवन में दिन भी जल्दी जल्दी ढल जाता है।

Answered by rjk825283
3

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