पद के साथ
1. 'कबहुँक अंब अवसर पाई।' यहाँ 'अंब' संबोधन किसके लिए है ? इस संबोधन का मर्म स्पष्ट करें।
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कबहुँक अंब अवसर पाई।' यहाँ 'अंब' संबोधन किसके लिए है ? इस संबोधन का मर्म स्पष्ट करें।
'कबहुँक अंब अवसर पाई।' यहाँ 'अंब' संबोधन किसके लिए है, इस पंक्ति में ‘अंब’ शब्द सीता माता के लिए प्रयुक्त हुआ है।
व्याख्या :
इस संबोधन के द्वारा तुलसीदास श्रीराम का ध्यान अपनी ओर कराने का प्रयास करते हुए सीता माता से अनुरोध कर रहे हैं, कि हे माता ! यदि जब भी अवसर मिले तो आप करुणा की बात छोड़ कर श्रीरामचंद्र को मेरी भी याद दिला देना। इससे मेरे भी कुछ कार्य बन जाएंगे। एक पुत्र द्वारा जगत जननी माता से जगत कृपालु श्रीरामचंद्र का ध्यान अपनी ओर खींचने की बात कह रहा हूँ।
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