पदार्थ के अणुओं का उच्च सन्द्रता से निम्न सन्द्रता की ओर जाना क्या कहलाता है
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जब भी कोई पदार्थ उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की और गति करेगा उसके लिए दो फ़ैक्टर ज़रूरी है पहला यह की पदार्थ एक अवस्था से दूसरी अवस्था मैं बदलेगा या बदल सकता है ( ठोस , द्रव या गैस ) दूसरा यह की सांद्रता तभी बदलेगी जब कोई माध्यम होगा , ये माध्यम पानी , हवा या प्रकाश हो सकता है।
उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की और गति के लिए एक निस्चित तापमान व दवाब भी ज़रूरी है।
उच्च सांद्रता वाला पदार्थ है मतलब वह एक ऐसा पदार्थ है जिसके molecules एक दूसरे से बेहद पास पास है, जब इसी उच्च सांद्रता वाले पदार्थ को कोई माध्यम ( हवा , पानी या प्रकाश ) मिल जाता है तो इस पदार्थ के अणुओं के बीच जो बंधन होता है वो कमज़ोर होने लगता है , और अणु एक दूसरे से दूसरे से दूर हो जाते है , और इनके बीच मैं पानी या हवा आ जाती है , अणुओं का विसरण हो जाता है ।
उदाहरण स्वरूप शक्कर का सिरप उच्च सांद्रता का घोल होता है , इसके एक चम्मच घोल को यदि एक ग्लास पानी मैं मिलाए तो यही शक्कर का सिरप निम्न सांद्रता का घोल बन जाएगा। क्योंकि उच्च सांद्रता वाले सिरप के अणुओं को फ़ेलने के लिए एक न के बराबर सांद्रता वाला माध्यम पानी मिल गया और इसके अणुओं को आसानी से गति करने के लिए बहुत जगह मिल गयी है।
इसी तरह उच्च व निम्न सांद्रता का उदाहरण osmosis के द्वारा समझा जा सकता है इसमै दो माध्यमों के बीच एक झिल्ली होती है। द्राक्ष एक उच्च सांद्रता वाला ठोस पदार्थ है , इसे पानी या दूध मैं डालने पर यह कुछ ही समय मैं फूल कर बहुत बड़ा हो जाता है , लेकिन फूट कर बिखरता नहीं है । वह इसलिए की इसमै उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता वाले दो पदार्थों के बीच एक झिल्ली है । द्राक्ष के अणुओं के बीच की जगह मैं पानी भर जाता है और वह फूल जाती है।
ऐसे ही देनिक जीवन मैं अनेको उदाहरण है जिस मैं पदार्थ उच्च से निम्न या निम्न से उच्च सांद्रता की और गति करते है।