Chemistry, asked by vermaparasramnilesh, 1 month ago

पदार्थ की द्वैत प्रकृति क्या हैॽ डी ब्राग्ली संबंध की स्थापना कीजिए​

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Answered by basantlal310
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द्वैत प्रकृति का सिद्धांत यह कहता है कि कोई भी पदार्थ एक ही समय में कण या तरंग के रूप में रहता हैजबकि कुछ स्थान पर प्रकाश कान की भांति व्यवहार करता है ,जैसे प्रकाश विद्युत प्रभाव ,कप्टन प्रभाव आदि । यह सिद्धांत इन सभी घटनाओं की व्याख्या करता है यह प्रकाश की द्वैत प्रकृति को दर्शाता है ।

दीपावली संबंध की स्थापना -

इसके अनुसार द्रव्य के कण (इलेक्ट्रॉन ,प्रोटोन ,न्यूट्रॉन )तरंग के रूप में गति करते हैं और इन तरंगों की तरंग दैर्ध्य संवेग के व्युत्क्रमानुपाती होता है । डी ब्रोग्ली ने आइंस्टीन समीकरण और प्लांक समीकरण की सहायता से तरंगदैर्ध्य और संवेग के मध्य संबंध स्थापित किया

Answered by rahul123437
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डी ब्रोगली ने प्रस्तावित किया कि पदार्थ को भी दोहरे व्यवहार का प्रदर्शन करना चाहिए यानी कण और तरंग दोनों गुण।

Explanation:

  • डी-ब्रॉग्ली संबंध किसी पिंड के संवेग को उसकी तरंगदैर्घ्य से संबंधित करता है। के रूप में दिया जाता है। . λ=ph. जहाँ इसकी डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य है। h तख़्त का स्थिरांक है
  • एक इलेक्ट्रॉन की दोहरी प्रकृति को समझा जा सकता है कि प्रकाश की तरह, इलेक्ट्रॉनों में भी दोहरी प्रकृति या संपत्ति होती है।
  • जब एक इलेक्ट्रॉन चलता है तो इसे एक कण के रूप में और एक ही समय में तरंग के रूप में भी गतिमान माना जा सकता है
  • डी ब्रोगली की पदार्थ तरंगों की परिकल्पना यह बताती है कि पदार्थ का कोई भी कण जिसमें रैखिक गति होती है वह भी एक तरंग है।
  • किसी कण से जुड़ी पदार्थ तरंग की तरंग दैर्ध्य कण के रैखिक गति के परिमाण के व्युत्क्रमानुपाती होती है। पदार्थ तरंग की गति कण की गति है।
  • प्रकाश की द्वैत प्रकृति का अर्थ है कि कुछ प्रयोगों में प्रकाश तरंग की तरह व्यवहार करता है। अन्य प्रयोगों में, प्रकाश एक कण के रूप में व्यवहार करता है। यदि प्रकाश में छोटे कण होते हैं, तो वैकल्पिक प्रकाश और अंधेरे बैंड नहीं होते।
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