पठित गद्यांश
प्र.१) निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखिए।
किसी शहर में एक नट मण्डली आई हुई थी। लोग भीड़ लगाकर नट के करतब देख रहे थे। भीड़ में दो चोर भी थे। उन्होंने देखा, कि
नट एक पतली सी रस्सी पर बड़े ही आराम से बिना किसी सहायता के चल रहा है। दोनों चोरों ने सोचा, कि यदि यह नट हमारे साथ
आ जाये तो चोरी करने में बड़ी सहायता मिलेगी। यह सोचकर दोनों चोरों ने नट से बात की। नट ने उन्हें मना कर दिया। चोर उसे
बाँधकर अपने साथ ले गए और रात में एक सेठ की हवेली के नीचे ले जाकर चाकू दिखाते हुए कहा, “इस मुंडेर पर चलकर तुम अंदर
जाकर दरवाजा खोलो"। मुंडेर इतनी पतली थी कि उस पर कोई इंसान तो क्या कोई छोटा जानवर भी नहीं चल सकता था। चोर उस पर
चढ़ा और एक कदम चलकर धड़ाम से नीचे गिर पड़ा। दोनों चोर चिल्लाते हुए बोले,- “तमाशा दिखाते हुए तो तुम पतली सी रस्सी पर
चल रहे थे, यहाँ कैसे गिर पड़े?" चोर मासूमियत से बोला - "ढोल बजाओ ढोल, क्योंकि मैं ढोल बजने पर ही रस्सी पर आराम से चल
पाता हूँ।" नट की बात सुनकर चोरों ने अपना सिर पीट लिया।
ङ) इस गद्यांश से आपको क्या शिक्षा मिलती है ?
Answers
Answered by
0
Answer:
Explanation:
hame acche kam karne chahiye
Similar questions