पठित गद्यांश (पूरक पुस्तक - बुद्धचरित ) के पाठों को स्मरित करते हुए ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- ( 4 )
सारिपुत्त ने वेणुवन विहार के लिए राजधानी से दान में एक घंटा मंगवा लिया था। उस घंटे को सरोवर के किनारे एक वृक्ष से टांग दिया गया। इस घंटे को बजाकर अध्ययन और साधना के समय की घोषणा की जाती थी।
कुछ समय पश्चात मगधराज ने जब सुना कि महात्मा बुद्ध वेणुवन में पधारे हैं तो वे अत्यंत प्रसन्न हुए और अपने मंत्रियों तथा नगरवासियों के साथ उनके दर्शन के लिए चल पड़े।
बुद्ध ने कहा, इन पंचशीलों को समझें और शांति एवं सौमनस्य के साथ रहने के सिद्धांतों के अनुकूल आचरण करें तो मगध देश सुख- समृद्धि प्राप्त कर सकेगा।
भगवान बुद्ध ने बच्चों को एक बगुले, केकड़े ,, वृक्ष और मछलियों की कहानी सुनाई।मैं उस समय एक वृक्ष था।तालाब में बहुत सारी मछलियां और केकड़े थे ।
बुद्ध ने आंखें मूंद ली। वे अंतिम वचन बोल चुके थे। पृथ्वी डोलने लगी, शाल के फूलों की वर्षा होने लगी। प्रत्येक को प्रतीत हो गया कि बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त कर लिया है।
बुद्ध के अवशेषों को आठ भागों में बांटा गया। यह विचार किया गया कि इन अवशेषों से मगध वाले राजगृह में , लिच्छवी वैशाली में , शाक्य राज्य कपिलवस्तु में ,मल्ल लोग कुशीनारा और पावा में स्तूप बनवाएंगे।
प्रश्न- 1-भगवान बुद्ध ने गांव के बच्चों को संबोधित करते हुए कौन-सी कहानी सुनाई ?
2-वेणुवन में दीक्षा किसने , किसको और क्यों दी ?
3-जब बुद्ध ने समाधि लेनी चाही , उस समय प्रकृति में कैसी हलचल हुई ?
4- बुद्ध के अवशेषों को कितने भागों में बांटा गया ?
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बुद्ध ने कहा, इन पंचशीलों को समझें और शांति एवं सौमनस्य के साथ रहने के सिद्धांतों के अनुकूल आचरण करें तो मगध देश सुख- समृद्धि प्राप्त कर सकेगा।
वेणुवन में पधारे हैं तो वे अत्यंत प्रसन्न हुए और अपने मंत्रियों तथा नगरवासियों के साथ उनके दर्शन के लिए चल पड़े।
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