Hindi, asked by rc8004574, 1 month ago

पठित कविता के आधार पर महादेवी वर्मा के काव्य की विशेषताएं लिखिए​

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Answered by trisha8970
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महादेवी वर्मा की कविता में दुःख और करुणा का भाव प्रधान है। वेदना के विभिन्न रूपों की उपस्थिति उनके काव्य की एक प्रमुख विशेषता है। वह यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं करतीं कि वह 'नीर भरी दुःख की बदली' हैं। ... की खड़ी बोली की कविता में कवि के अपने राग-विराग की प्रधानता हो गई।

Answered by bhatiamona
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पठित कविता के आधार पर महादेवी वर्मा के काव्य की विशेषताएं लिखिए​।

महादेवी वर्मा के काव्य की विशेषतायें इस प्रकार हैं :

  • महादेवी वर्मा छायावाद की प्रमुख कवयित्री थीं। उनके काव्य में रहस्यवाद प्रमुखता से मिलता है। महादेवी वर्मा विरह एवं वेदना की कवयित्री रहीं हैं, इसी कारण वे आधुनिक मीरा कही जाती हैं। उन्होंने स्वयं अपने जीवन में दुखों से निकटता को स्वीकार किया है।
  • उन्होंने अपने काव्य के माध्यम से अपने मन की पीड़ा को अत्याधिक मार्मिकता से वर्णित किया है। उनके काव्य से जीवन के प्रति उनकी निराशा भी झलकती है। वह बेहद संवेदनशील कवयित्री रही हैं।
  • वह रहस्यवादी कवयित्री रही हैं। उन्होंने अपने काव्य के माध्यम से आत्मा और परमात्मा के मधुर मिलन की काव्यात्मक प्रस्तुति भी दी है। उनके कार्यों में रति एवं करुणा दोनों भाव प्रकट होते हैं। हालांकि उनके काव्य में करुणा की प्रधानता रही है।

#SPJ3

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