१. पठित पद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए वह न था कमजोर दिल का, बल्कि रखता था दिमाग। छू गया जैसे किसी के फूस के घर में चिराग।। वह उठा झुंझला, उधर भी सैंकड़ों झुंझला उठे। मुँह खुला उसका, उधर भी सैंकड़ों मुंह बा उठे।। त्योरियाँ उसकी चढ़ीं, तो सैंकड़ों की चढ़ गई। एक की गरदन बढ़ी तो सैंकड़ों की बढ़ गईं।। भुंकने जब वह लगा, देने लगा गुंबद जवाब। ठीक आमद खर्च का मिलने लगा उसको हिसाब।। क. फूस के घर में चिराग छू जाने से कवि का क्या तात्पर्य है?
Answers
Answered by
0
Answer:
- पठित पद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए वह न था कमजोर दिल का, बल्कि रखता था दिमाग। छू गया जैसे किसी के फूस के घर में चिराग।। वह उठा झुंझला, उधर भी सैंकड़ों झुंझला उठे। मुँह खुला उसका, उधर भी सैंकड़ों मुंह बा उठे।। त्योरियाँ उसकी चढ़ीं, तो सैंकड़ों की चढ़ गई। एक की गरदन बढ़ी तो सैंकड़ों की बढ़ गईं।। भुंकने जब वह लगा, देने लगा गुंबद जवाब। ठीक आमद खर्च का मिलने लगा उसको हिसाब।। क. फूस के घर में चिराग छू जाने से कवि का क्या तात्पर्य है?
Similar questions