पद्दाश-
हल्दीघाटी के शिला-खण्ड,
ए दुर्ग सिंह गढ के प्रचण्ड,
राणा ताना का कर घमंड,
दो जगा आज स्मृतियाँ ज्वलंत ,
वीरों का कैसा हो वसन्त?निम्नलिखित गद्यांश और पद्यांश की संदर्भ व्याख्या कीजिए
Answers
हल्दीघाटी के शिला-खण्ड,
ए दुर्ग सिंह गढ के प्रचण्ड,
राणा ताना का कर घमंड,
दो जगा आज स्मृतियाँ ज्वलंत ,
वीरों का कैसा हो वसन्त?
संदर्भ ⁝ यह पंक्तियां सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा लिखित कविता ‘वीरों का कैसा हो वसंत’ से ली गई हैं। इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने वीरो की गाथा का वर्णन किया है।
व्याख्या ⦂ इन पंक्तियों में कभी कवयित्री यह कहना चाहती हैं कि युद्ध और वीरता की मिसाल के तौर पर जाने जाने वाले हल्दीघाटी और सिंहगढ़ के किले जैसी जगहों का आह्वान किया जाए और महाराणा प्रताप, नाना साहब जैसे वीरों की ज्वलंत स्मृतियों को का स्मरण कर फिर से जगाया जाए ताकि इस देश के युवाओं में अपने देश पर न्योछावर होने के लिए जोश पैदा हो उमंग पैदा हो। कवयित्री कहती हैं, वीरों का वसंत कैसा होना चाहिए। क्या युद्ध भूमि में शहीद हो जाना हीरो का वसंत है?
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