Hindi, asked by Anonymous, 4 months ago

पद्यांश की अंतिम चार पंक्तियों का केंद्रिय भाव स्पष्ट कीजिए।

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Answered by nehasahni
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Answer:

भिखारी हो कर भी आप सम्राट की तरह रहते हो, घर-घर घूम कर दया दिखाते हैं।

जब स्वर्ण भूमि को रत्न मिला था, तब संसार में सिन हल्की सील

किसी का हमने छीना नहीं, प्रकृति का यही पालन है कि वह किसी से कुछ नहीं ‍‌‌ लेता

और हमारी जन्मभूमि भी यही है, और हम जन्मभूमि में ही हैं हम कहीं से आए नहीं

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