पद्यांश की आरंभ वाली पांच पंक्तियों का भावार्थ लिखिएकिताबे
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प्रस्तुत कविता में गुलजार ने किताबों के कम हो रहे चलन के बारे में बताया है। उनके अनुसार किताबें अब सिर्फ अलमारी में बंद रहती हैं और उससे बाहर निकलने की हसरत लिए वे अलमारी के शीशे से ताकती रहती हैं। महीने बीत जाते हैं, लेकिन किताबों से मुलाकात नहीं होती है।
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PLEASE MARK IT AS BRIANALIST
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