३) पद्यांश का भावार्थ सरल हिंदी में लिखिए हरि बिन कूण गती मेरी। तुम मेरे प्रतिपाल कहिये मैं रावरी चेरी।। आदि - अंत निज नाँव तेरो हीमायें फेरी। बेर बेर पुकार कहूँ प्रभु आरति है तेरी।
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भावार्थ - हे हरि, आपके बिना मेरा कौन है? अर्थात आपके बिना मेरा कोई ठिकाना नहीं है। आप ही मेरा पालन करने वाले हैं और मैं आपकी दासी हूं। मैं रात - दिन, हर समय आपका ही नाम जपती रहती हूं।
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