पद्यांश की प्रथम चार पंक्तियों का भावार्थ लिखिए
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दिए गए पद्यांश की प्रथम चार पंक्तियों का भावार्थ निम्न प्रकार से किया गया है।
जला दीप तुमने मिटाया अंधेरा
पर क्या किसी भूखे को भोजन कराया
उजालों की चाहत कभी न रही जिनकी
रोटी तुम उनको जाकर खिलाओ।संदर्भ
संदर्भ - प्रस्तुत पंक्तियां रमाकांत यादव द्वारा लिखित गीत " हिरदय का उजाला कविता से ली गई है।
इन पंक्तियों में रमाकांत जी ने दीवाली किस प्रकार मनाई जानी चाहिए इस संदर्भ में अपने विचार प्रस्तुत किए है।
व्याख्या - लेखक कहते है कि दिवाली के दिन हम अपने घरों को रोशनी से उजागर कर देते हैं। दीप माला जलाते है, अपने घर का अंधेरा मिटाते हैं परन्तु क्या हमने किसी गरीब के मन का अंधेरा मिटाया है, किसी भूखे को खाना खिलाया है ?
• लेखक कहते है कि एक गरीब की कोई चाहत नहीं होती उन्हें कोई उजाला नहीं चाहिए । उसकी जरूरत केवल रोटी होती है तो हमें उन्हें खाना खिलाकर दिवाल मनानी चाहिए।
Answer:
I don t now. pls answer me