Hindi, asked by sksoni9833325ss, 4 months ago

पद्यांश क्र. 1 (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. 70)
अँधेरे के इलाके में किरण माँगा नहीं करते
जहाँ हो कंटकों का वन, सुमन माँगा नहीं करते।
जिसे अधिकार आदर का, झुका लेता स्वयं मस्तक
नमन स्वयमेव मिलते हैं, नमन माँगा नहीं करते
परों में शक्ति हो तो नाप लो उपलब्ध नभ सारा
उड़ानों के लिए पंछी, गगन माँगा नहीं करते।
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सरल अर्थ ​

Answers

Answered by mayanksinghy034
7

Answer:

जिसे अधिकार आदर का, झुका लेता स्वयं मस्तक

नमन स्वयमेव मिलते हैं, नमन माँगा नहीं करते ।

परो में शक्ति हो तो नाप लो, उपलब्ध नभ सारा

उड़ानो के लिए पंछी, गगन माँगा नहीं करते ।

जिसे मन प्रान से चाहा, निमंत्रण के बिना उसके

सपन तो खुद-ब-खुद आवे आते, नयन माँगा नही करते

जिन्होंने कर लिया स्वीकार, पश्चात्ताप में जलना

सुलगते आप, बाहर से, अगन माँगा नहीं करते ।

Answered by kaira3033
0

Answer:

जिसे अधिकार आदर का, झुका लेता स्वयं मस्तक

नमन स्वयमेव मिलते हैं, नमन माँगा नहीं करते

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