Hindi, asked by shwetaamule, 5 hours ago

पद्यांश क्र. 1 : (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. 33) आपसे किसने कहा स्वर्णिम शिखर बनकर दिखो, शौक दिखने का है तो फिर नींव के अंदर दिखो। चल पड़ी तो गर्द बनकर आस्मानों पर लिखो, और अगर बैठो कहीं तो मील का पत्थर दिखो। explaination please ​

Answers

Answered by anushka11062006
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Answer:

निम्नलिखित पद्यांश में ये संदेश दिया जा रहा है :

अगर आप कार्य करते है तो जरूरी नही है कि आप सबको उस कार्य के बारे में सबको बताएं केवल उसको करने के बाद बिना कोई गुण - गान किए भी वह कार्य उतना ही सहायक होगा ।

अगर तुम अपनी मंजिल पर पहुंच गाते हो तो वहां सही प्रकार से कार्य करो या फिर अगर रह पर हो तो दूसरे की भी मदद करो।

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