Hindi, asked by sg4830855, 5 months ago

पद्यांश पर आधारित प्रश्न
दिए गए गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1, मारग प्रेम को को समुझै 'हरिचन्द' यथारथ होत यथा है।
लाभ कछू न पुकारन में बदनाम ही होन की सारी कथा है।
जानत है जिय मेरौ भली बिधि और उपाइ सबै बिरथा है।
बावरे हैं ब्रज के सिगरे मोहिं नाहक पूछत कौन बिथा है।।
रोकहिं जो तौ अमंगल होय और प्रेम नसै जो कहै पिय जाइए।
जौ कहैं जाहु न तौ प्रभुता जौ कछू न कहै तो सनेह नसाइए।।
जो 'हरिचन्द' कहैं तुमरे बिनु जीहैं न तो यह क्यों पतिआइए।
तासों पयान समै तुमरे हम का कहैं आप हमें समुझाइए।।
(क) कवि कहाँ के सभी लोगों को बावला बता रहा है ?
(ख) पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
(ग) अमंगल कब हो सकता है ?
(घ) उपर्युक्त पंक्तियों से किस रस की प्रतीति होती है ?
(ङ) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।​

Answers

Answered by mohammadshahzadryk
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Answer:

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Answered by vikasbarman272
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(क) कवि ब्रज में रहने वाले सभी लोगों को बावला बता रहा है l

(ख) पद्यांश का सन्दर्भ : प्रस्तुत अंश हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक में संकलित भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा रचित 'प्रेम-माधुरी' शीर्षक कविता से उद्धृत है। प्रस्तुत प्रसंग में ब्रजबाला प्रेमपथ पर चलने से होने वाली निंदा और कष्टों का वर्णन कर रही है।

(ग) यदि नायिका अपने प्रियतम को जाते हुए रोक देती है तो यात्रा में अमंगल हो जाएगा l क्योंकि हिंदू परंपरा के अनुसार यात्रा के समय टोकना अशुभ माना जाता है।

(घ) उपर्युक्त पंक्तियों से विप्रलम्भ शृंगार और श्रंगार रस की प्रतीति होती है l

(ङ) रेखांकित अंश की व्याख्या : नायिका अपनी सहेली से कहती है कि प्रेम की राह को समझना बहुत कठिन है। वह अपनी सहेली को अपनी स्थिति का वर्णन करती है और कहती है कि इस कठिन रास्ते पर चलने के दौरान उसने जो कष्ट झेले हैं, उसे दूसरों को बताने का कोई फायदा नहीं है। इस प्रेम कहानी को दूसरों को बताने से उसे बदनामी के अलावा कुछ नहीं मिलने वाला है। इसलिए इसे चुपचाप सहने में ही भलाई है। उसे ऐसा लगता है जैसे ब्रज के सभी लोग पागल हो गए हैं, बार-बार उसकी प्रेम-पीड़ा के बारे में पूछ रहे हैं, उसका दर्द क्या है? उनके अनुसार प्रेम-पीड़ा किसी और को प्रकट करने की वस्तु नहीं है, जब ब्रजवासी बार-बार अपने कष्ट का कारण पूछते हैं तो वे दुखी हो जाते हैं और इसे सहना बड़ा कठिन हो जाता है।

नायिका अपने प्रेमी से कहती है कि अगर वह उसे रास्ते में रोकेगा तो वह बाधित हो जाएगा, जो यात्रा के दौरान दुर्भाग्य का सूचक है, क्योंकि लोग कहते हैं कि यात्रा करते समय बीच में आना अशुभ होता है।

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