Social Sciences, asked by pkumari97879, 1 month ago

. पद्या देखती है कि स्कूप्राइवन में एल प्लास्टिक *लता और बिजली के तार में प्लास्टिक लवर कोटी हावै उक्लरणों में प्लास्टिक कवर होती है।​

Answers

Answered by kgssaa2020
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Answer:

PLS MARK ME AS BRAINALIST PLS SIR OR MADAM

Explanation:

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर केन्द्र सरकार द्वारा देश की जनता से ‘सिंगल यूज प्लास्टिक’ (एकल उपयोग वाली प्लास्टिक) की आदतों पर नियंत्रण का आव्हान किया गया। हालांकि अभी तक यही माना जा रहा था कि सरकार इस अवसर पर इस तरह के प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर इसे आम व्यवहार से पूरी तरह दूर करने के कड़े कदम उठाएगी लेकिन त्यौहारी सीजन में फिलहाल सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान को जन जागरूकता तक ही सीमित रखते हुए इस पर पूर्ण रोक नहीं लगाने का निर्णय लिया है और स्पष्ट किया है कि 11 सितम्बर 2019 को प्रधानमंत्री द्वारा लांच किए गए ‘स्वच्छता ही सेवा’ मिशन का उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करना नहीं है बल्कि इसके खिलाफ जागरूकता फैलाना है। दरअसल एकाएक सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगा देने से पहले ही मंदी के दौर से गुजर रही देश की अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा झटका लगता क्योंकि ऐसा करने से इसका सीधा असर उद्योग जगत पर पड़ता, जिससे लाखों लोगों की नौकरी भी खतरे में पड़ती। इसीलिए गांधी जयंती के अवसर पर इस प्रकार के प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के बजाय जग-जागरूकता फैलाने पर जोर दिया गया है।

      आज इस कोई इस बात से परिचित है कि प्लास्टिक का उपयोग भले ही हमें सुविधाजनक लगता है किन्तु यह जल, वायु और जमीन सहित हर प्रकार से पर्यावरण को किस प्रकार दीर्घकालिक नुकसान पहुंचा रहा है और आश्चर्य एवं चिंता की बात यह है कि प्लास्टिक के तमाम खतरों को जानते-बूझते हुए भी न आमजन की ओर से इसके उपयोग से बचने के प्रयास होते दिखते हैं और न ही सरकारों द्वारा इससे मुक्ति के लिए कोई ठोस कार्ययोजना अमल में लाई जाती दिखी है। यह सर्वविदित है कि प्लास्टिक में इतने घातक रसायन होते हैं, जो इंसानों के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी बहुत बड़ा खतरा बनकर सामने आ रहे हैं, जिसके खतरनाक प्रभावों से जलचर प्राणियों के अलावा पशु-पक्षी भी अछूते नहीं रहे हैं। दरअसल प्लास्टिक खेतों की मिट्टी के अलावा तालाबों, नदियों से होते हुए समुद्रों को भी बुरी तरह प्रदूषित कर चुका है। प्लास्टिक से पर्यावरण को हो रहे व्यापक नुकसान के मद्देनजर ही सरकार द्वारा गांधी जयंती से देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा की गई थी। हालांकि इस उद्देश्य में एक अच्छी सोच निहित थी किन्तु चूंकि एकाएक लगाए जाने वाले ऐसे प्रतिबंध से उपजने वाली परेशानियों से निपटने के लिए सरकार द्वारा पूरी तैयारियां नहीं की गई थी, इसीलिए यह प्रतिबंध व्यावहारिक भी नहीं होता। बेहतर है कि सरकार द्वारा फिलहाल प्लास्टिक के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए जन-जागरूकता अभियान पर जोर देने का निर्णय लिया गया है।

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