पदयाश-1
व
(यदि आप इस पदयाश का चयन करते है तो कृपया उत्तर पुस्तिका में लिखे कि आप
गए पदयाश -1पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।)
7
भरवाट
अविश्वास
1. अभी न होगा मेरा अंत
अभी-अभी ही तो आया है।
मेरे वन में मृदुल वसंत, अभी न होगा मेरा अंत।
हरे-हरे ये पात,
डालियों, कलियाँ, कोमल गात।
मैं ही अपना स्वप्न-मृदुल कर
फेरुगा निद्रित कलियों पर
जगा एक प्रत्यूष मनोहर
पुष्प-पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लॅगा मैं,
अपने नवजीवन का अमृत सहर्ष सीच दूंगा मैं,
दवार दिखा दूंगा फिर उनको,
हैं मेरे वे जहाँ अनंत
अभी न होगा मेरा अत।
प्रश्न
(क) कवि क्यों कहता है, अभी न होगा मेरा अत?
(1) अधिक जीना चाहता है।
(ii) जीवन के वसत को भोगना चाहता है।
(iii) रचनाओं से अमर हो जाना चाहता है।
(iv) मीठे सपनों में खो जाना चाहता है।
(ख) जीने की चाह के पीछे कवि का मंतव्य है कि वह
(i) नए-नए पादपों की कलियाँ निहारेगा
(ii) जीवन रूपी वन में वसंत को सजाएगा
(iii) पौधों को सींचकर फूल खिलाएगा
(iv) जीवन भर वसंत में लीन रहेगाकवि क्या कहता है अभी न होगा मेरा अंत
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(क) ) मीठे सपनों में खो जाना चाहता है।
(ख) जीवन भर वसंत में लीन रहेगाकवि क्या कहता है अभी न होगा मेरा अंत
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क्योंकि वह सबका आलस्य दूर करना चाहता है
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