Hindi, asked by pankajbirle1982, 5 months ago

पदयाश
साथी हाथ बढ़ाना
एक अकेला थक जाएगा मिलकर बोझ उठाना
साथी हाथ बढ़ाना
हम मेहनत वालों ने जब भी, मिलकर कदम बढ़ाया
सागर ने रास्ता छोड़ा, पर्वत ने शीश झुकाया ।
फौलादी है सीने अपने फौलादी है बाहें
हम चाहे तो चट्टानों में पैदा कर दे रहे
साथी हाथ बढ़ाना
प्रश्न 1_यह पद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
प्रश्न 2_इस पद्यांश के कवि का नाम बताइए?
प्रश्न 3_इस कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है?, कि
प्रश्न 4 सीने और बाहें कैसी है?
लजल कर कार्य करने से कौन रास्ता छोड़ देता है?
अप लोगो​

Answers

Answered by sandeepbijli17
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Answer:

ans 1 sathi hath badana

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