Patra aur aavedan Patra Kaise likhe
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स्थान : नई दिल्ली
दिनांक : 8 मार्च 2020
प्रिय नेतन
मैं कुशलता से हूं आशा करता हूं तुम भी ठीक-ठाक और स्वस्थ होंगे । और तुम्हारे घर पर भी सब कुशल मंगल होगा । मैं तो इस पत्र के माध्यम से बताना चाहता हूं कि तुम अपनी कक्षा में प्रथम स्थान ना इसके लिए मैं बहुत प्रसन्न हूं । हम लोगों को यह बात सुनकर अति प्रसन्नता हुई । इसके लिए तुम्हें ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाइयां । इसी प्रकार मेहनत करते चलो और हमारा नाम रोशन करते रहना । मां - बाबूजी लोग कैसे हैं ? घर पर सब को मेरा नमस्ते कहना । खूब मन लगाकर अच्छे से पढ़ो । तुम्हें ढेर सारा प्यार । शेष बातें मिलने पर ।
तुम्हारा बड़ा भाई
रमन
➠पत्र लेखन की कुछ सामान्य विशेषताएं :-
1) सरलता - पत्रों की भाषा जितनी सरल एवं सुबोध होगी पत्र उतना ही ग्राह्य होगा पत्र की भाषा ऐसी होनी चाहिए कि समझने के लिए पाठक को शब्दकोश का सहारा ना लेना पड़े |
2) स्पष्टता - पत्र में जो कुछ भी कहा जाए,स्वत: स्पष्ट होना चाहिए |
3) निश्चयात्मकता - निश्चयात्मकता से तात्पर्य है कि पत्र को पढ़कर पाठक के मन में किसी भी प्रकार की शंका ना उठे|
4) संक्षिप्तता - पत्र में जो भी बातें लिखी जाएगी गागर में सागर भरने के समान होनी चाहिए |
5) उद्देश्य पूर्णता - हर लेखन में कोई ना कोई उद्देश्य होता है आते हैं पत्र लिखते समय लेखक को पत्र के उद्देश्य को अपने मन में रखना चाहिए ध्यान रखना चाहिए कि वह पत्र किसके लिए तथा क्यों लिख रहा है|
➠ आवेदन पत्र के प्रकार :-
• प्रधानाचार्य / मुख्याध्यापक को प्रार्थना पत्र
• नौकरी के लिए आवेदन पत्र
~ आवेदन पत्र का एक उदाहरण निम्नलिखित हैं :-
➠पुस्तकालय में हिंदी की पुस्तकें व पत्रिका मंगवाने के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य को पत्र |
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली,
प्रधानाचार्य,
केंद्रीय विद्यालय,
नई दिल्ली,
विषय :- पुस्तकालय में विश्व की पुस्तकें एवं पत्र पत्रिकाएं मंगवाने जाने हेतु|
महोदय,
सूचनार्थ निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में दसवीं कक्षा की छात्रा हूँ |आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि सभी हिंदी की अध्यापिकाओं ने मुझे हिंदी सचिव के रूप में कार्य करने हेतु दिया है| महोदय, मैं चाहती हूँ कि हमारे विद्यालय के छात्र हिंदी की विभिन्न अंतर विद्यालय - प्रतियोगिताओं में भाग लें तथा पुरस्कार जीतकर हमारे विद्यालय का नाम रोशन करें| इसके लिए यह आवश्यक है कि हमारे पुस्तकालय में हिंदी की पर्याप्त पुस्तकें हो तथा हिंदी की पत्र -पत्रिकाएं मंगाई जाए |इन के अध्ययन से छात्रों के ज्ञान का स्तर ऊपर उठेगा और न केवल अपने विषय में समर्थ बनेंगे बल्कि राष्ट्र के विकास में अपना सहयोग देंगे| आशा है आप मेरे निवेदन पर गंभीरता से विचार करेंगे तथा पुस्तकालयों में प्रपत्र संबंधी निर्देश पुस्तकालय अधीक्षक को देने की कृपा करेंगे |
सधन्यवाद!!
आपकी आज्ञाकारी शिष्या,
नाम- विशाखा
कक्षा -दसवीं