patra how to write in hindi
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पत्र चाहे औपचारिक हो या अनौपचारिक, सामान्यतः पत्र के निम्नलिखित अंग होते हैं, जैसे-
पता और दिनांक
संबोधन तथा अभिवादन शब्दावली का प्रयोग
पत्र की सामग्री
पता की समाप्ति, स्वनिर्देश और हस्ताक्षर
आइए, अब इनके बारे में जानकारी प्राप्त कर लें-
पता और दिनांक - पत्र के बाई ओर कोने में पत्र-लेखक का पता लिखा जाता है और उसके नीचे तिथि दी जाती है।
संबोधन तथा अभिवादन - जब हम किसी को पत्र लिखना शुरू करते हैं तो उस व्यक्ति के लिए किसी न किसी संबोधन शब्द का प्रयोग किया जाता है। जैसे- पूज्य/आदरणीय/पूजनीय/श्रद्धेय/प्रिय/प्रियवर/मान्यवर
1. प्रिय - संबोधन का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है-
अपने से छोटे के लिए
अपने बराबर वालों के लिए
घनिष्ठ व्यक्तियों के लिए
औपचारिक स्थिति में-
मान्यवर/प्रिय महोदय/महोदया
प्रिय श्री / श्रीमती / सुश्री / नाम या उपनाम
प्रिय - नाम - जी आदि।
पता और दिनांक
संबोधन तथा अभिवादन शब्दावली का प्रयोग
पत्र की सामग्री
पता की समाप्ति, स्वनिर्देश और हस्ताक्षर
आइए, अब इनके बारे में जानकारी प्राप्त कर लें-
पता और दिनांक - पत्र के बाई ओर कोने में पत्र-लेखक का पता लिखा जाता है और उसके नीचे तिथि दी जाती है।
संबोधन तथा अभिवादन - जब हम किसी को पत्र लिखना शुरू करते हैं तो उस व्यक्ति के लिए किसी न किसी संबोधन शब्द का प्रयोग किया जाता है। जैसे- पूज्य/आदरणीय/पूजनीय/श्रद्धेय/प्रिय/प्रियवर/मान्यवर
1. प्रिय - संबोधन का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है-
अपने से छोटे के लिए
अपने बराबर वालों के लिए
घनिष्ठ व्यक्तियों के लिए
औपचारिक स्थिति में-
मान्यवर/प्रिय महोदय/महोदया
प्रिय श्री / श्रीमती / सुश्री / नाम या उपनाम
प्रिय - नाम - जी आदि।
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