India Languages, asked by sartajmanower985, 9 months ago

Patra ke kitne ang hote h

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Answered by anweshaaec81
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Answer:

1) शीर्षक या आरम्भ- पत्र के शीर्षक के रूप में पत्र-लेखक का पता लिखा जाता हैं। एक तरह से शीर्षक पत्र-लेखक का परिचायक होता हैं। पत्र लिखने वाले का पता पत्र के बायीं ओर सबसे ऊपर लिखा जाता हैं। परीक्षा के सन्दर्भ में यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि यदि परीक्षा में पूछे गए पत्र में पते का उल्लेख न किया गया हो तो उसके स्थान पर 'परीक्षा भवन' लिखा जाता हैं। इसके ठीक नीचे पत्र लिखने की तिथि लिखी जाती हैं। औपचारिक पत्रों के अन्तर्गत विषय का उल्लेख सीमित शब्दों में स्पष्ट रूप से किया जाता हैं जबकि अनौपचारिक पत्रों में विषय का उल्लेख नहीं होता।

(2) सम्बोधन एवं अभिवादन- पत्रों में सम्बोधन एवं अभिवादन का महत्त्वपूर्ण स्थान होता हैं। औपचारिक पत्रों में यह प्रायः 'मान्यवर', 'महोदय' आदि शब्द-सूचकों से दर्शाया जाता हैं जबकि अनौपचारिक पत्रों में यह 'पूजनीय' 'स्नेहमयी', 'प्रिय' आदि शब्द-सूचकों से दर्शाया जाता हैं।

(3) विषय-वस्तु- किसी भी पत्र में विषय-वस्तु ही वह महत्त्वपूर्ण अंग हैं, जिसके लिए पत्र लिखा जाता हैं। इसे पत्र का मुख्य भाग भी कहते हैं। यह प्रभावशाली होना चाहिए। जिन विचारों एवं भावों को आप प्रकट करना चाहते हैं, उन्हें ही क्रमशः लिखना चाहिए। अपनी बात को छोटे-छोटे परिच्छेदों में लिखने का प्रयास कीजिए। ध्यान रखिए कि आप पत्र लिख रहे हैं, कोई कहानी या नाटक नहीं। अतः विषयवस्तु को अनावश्यक विस्तार न दीजिए।

जिस तरह विषयवस्तु का आरंभ प्रभावशाली होना चाहिए। उसी प्रकार उसका समापन भी ऐसा होना चाहिए, जो पाठक के मन को प्रभावित कर सके।

(4) मंगल कामनाएँ- विषयवस्तु की समाप्ति के बाद मंगल कामनाएँ व्यक्त करना न भूलें। ये मंगल कामनाएँ पढ़कर वाचक को लगता हैं कि पत्र-लेखक उसका शुभचिंतक हैं। प्रायः 'शुभकामनाओं सहित', 'सद्भावनाओं सहित', 'मंगल कामनाओं सहित', 'सस्नेह' आदि शब्दों का प्रयोग मंगल कामनाओं की अभिव्यक्ति के लिए किया जाता हैं। मंगल सूचक शब्दों के बाद अर्द्धविराम लगाना चाहिए।

(5) अंत- पत्र के अंतिम अंग के रूप में 'आपका', 'भवदीय', 'आज्ञाकारी', 'शुभाकांक्षी' आदि शब्दों का प्रयोग प्रसंगानुसार किया जाता हैं। ऐसे शब्दों का उल्लेख उपर्युक्त तालिका में किया गया हैं। इन शब्दों के नीचे अपने हस्ताक्षर करना चाहिए। इन हस्ताक्षरों के साथ उपाधि आदि का उल्लेख नहीं करना चाहिए। इस प्रकार पूरा पत्र लिखने के बाद, लिफाफे में बंद करने से पहले एक बार पढ़ अवश्य लेना चाहिए कि कहीं कुछ छूट तो नहीं गया हैं, अथवा आप जो बात कहना चाहते थे वही लिखा भी गया हैं या नहीं।

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Answered by maheshwaripooja951
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Answer:

mobile me bat kar Lo patra ki kya jarurat hai

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