Hindi, asked by madhu399159, 11 months ago

पड़ोसियों के बीच दैनिक प्रयोग की वस्तुओं का आदान प्रदान होता रहता है हमें इस आदान-प्रदान के किन बातों का ध्यान रखना चाहिए​


brijeshpbhkmgm8: hello
brijeshpbhkmgm8: @madhu

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Answered by Anonymous
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Answer:

Explanation:

अच्छे पड़ोसी सचमुच एक अनमोल देन हैं

“प्रेम करनेवाला पड़ोसी, दूर रहनेवाले भाई से कहीं उत्तम है।”—नीतिवचन 27:10.

सामान्य युग पहली सदी में एक विद्वान ने यीशु से पूछा: “मेरा पड़ोसी कौन है?” इसके जवाब में यीशु ने यह नहीं बताया कि उसका पड़ोसी कौन है, मगर बताया कि एक सच्चा पड़ोसी किसे कहते हैं। आप शायद यीशु के इस दृष्टांत से वाकिफ होंगे। इसे कई लोग, दयालु सामरी के दृष्टांत के नाम से जानते हैं और यह लूका की सुसमाचार की किताब में दर्ज़ है। यीशु ने यह किस्सा सुनाया:

“एक मनुष्य यरूशलेम से यरीहो को जा रहा था, कि डाकुओं ने घेरकर उसके कपड़े उतार लिए, और मारपीटकर उसे अधमूआ छोड़कर चले गए। और ऐसा हुआ, कि उसी मार्ग से एक याजक जा रहा था: परन्तु उसे देख के कतराकर चला गया। इसी रीति से एक लेवी उस जगह पर आया, वह भी उसे देख के कतराकर चला गया। परन्तु एक सामरी यात्री वहां आ निकला, और उसे देखकर तरस खाया। और उसके पास आकर और उसके घावों पर तेल और दाखरस ढालकर पट्टियां बान्धी, और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय में ले गया, और उस की सेवा टहल की। दूसरे दिन उस ने दो दीनार निकालकर भटियारे को दिए, और कहा; इस की सेवा टहल करना, और जो कुछ तेरा और लगेगा, वह मैं लौटने पर तुझे भर दूंगा। अब तेरी समझ में जो डाकुओं में घिर गया था, इन तीनों में से उसका पड़ोसी कौन ठहरा?”—लूका 10:29-36.

उस विद्वान को दृष्टांत का सार समझ में आ गया होगा क्योंकि उसने तुरंत सही जवाब दिया कि उस घायल इंसान का सच्चा पड़ोसी “वही [है] जिस ने उस पर तरस खाया।” यीशु ने तब उससे कहा: “जा, तू भी ऐसा ही कर।” (लूका 10:37) एक सच्चा पड़ोसी होने का मतलब क्या है, इसे समझने के लिए यह क्या ही दमदार दृष्टांत था! यीशु का दृष्टांत हमें अपने आपसे ये सवाल पूछने को उकसाता है: ‘मैं कैसा पड़ोसी हूँ? क्या मैं सिर्फ उन लोगों को अपना पड़ोसी मानता हूँ, जो मेरी जाति या देश के हैं? क्या मैं दूसरों की मदद करने से इसलिए पीछे हट जाता हूँ, क्योंकि वे अलग जाति के हैं या दूसरी भाषा बोलते हैं? क्या मैं एक अच्छा पड़ोसी बनने के लिए ज़्यादा मेहनत करता हूँ?


Anonymous: good morning dear have a nice day
madhu399159: same to you
Anonymous: how are you dear
Answered by rajenderkaushik48
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Answer:

हमे इस आदन प्रदान में विशेष बताओ का डायन रखना चाहिए जैसे

हमे उनकी भावनाओं का ध्यान रखना चाहिए

उनसे लड़ाई नहीं करनी चाहिए

हमेशा विनार्मता से पेश आना चाहिए

Mark me as brainest !!!!!!

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