'पढ़ोगे तो बढ़ोगे' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार
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निरंतर पढ़ते रहने से हमारे व्यक्तित्व का निरंतर विकास चलता रहता है. मानव मस्तिष्क निरंतर काम करने वाली मशीन है जिसे हमेशा जानकारी, ज्ञान चाहिए होता है. ... लगातार ज्ञान अर्जित करना बहुत आवश्यक है. पढ़ने से हमारे ज्ञान की नींव मजबूत होती है|
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मार्क ट्वेन ने कहा था, ‘‘जो नहीं पढ़ता, वह कहीं से भी उस व्यक्ति से बेहतर नहीं है जो पढ़ नहीं सकता.’’ निरंतर पढ़ते रहने से हमारे व्यक्तित्व का निरंतर विकास चलता रहता है. मानव मस्तिष्क निरंतर काम करने वाली मशीन है जिसे हमेशा जानकारी, ज्ञान चाहिए होता है. पढ़ते रहने से हमारे दिमाग का पोषण होता है और दिमाग नकारात्मक सोच व चिंताओं से दूर रहता है. लगातार ज्ञान अर्जित करना बहुत आवश्यक है. पढ़ने से हमारे ज्ञान की नींव मजबूत होती है. जिन के पास ज्ञान होता है उन का व्यक्तित्व भी प्रभावशाली होता है. ज्ञान से हमारी बुद्धि का विकास होता है, हमारा मानसिक स्तर सुधरता है.
पढ़ने की आदत से हमारे पास कई जानकारियां होती हैं जिन से समयसमय पर हम दूसरों के भी काम आ सकते हैं.
पढ़ने से हमारी बुद्धि तेज होती है जिस के कारण हम किसी भी परिस्थिति में बिना घबराए तुरंत निर्णय ले सकते हैं.
हर व्यक्ति का ज्यादा से ज्यादा पढ़ने का उद्देश्य होना चाहिए क्योंकि पढ़ते रहने से हम स्वयं को शिक्षित करते जाते हैं और यह समय का सदुपयोग करने का सब से अच्छा साधन भी है.
पढ़ने से हमें बहुत सारी पुरानी संस्कृति व सभ्यताओं के बारे में पता चलता है.
सफल जीवन का रहस्य है जानकारी, ज्ञान. हमारी कई समस्याओं का हल कहीं न कहीं किसी किताब में मिल ही जाता है. किताबें हमारी टीचर, मार्गदर्शक होती हैं जिन से हमें प्रेरणा मिलती रहती है.
अच्छे लेखक हमें उस खूबसूरत, काल्पनिक दुनिया में ले जाते हैं जहां मनोरंजन का कोई और साधन या टैक्नोलौजी नहीं ले जा सकती.
दार्शनिक स्टीव जौब्स ने एक बार कहा था कि पढ़ने और सीखने से सफलता मिलती है जबकि जानकारी की कमी आप को छोटा व सीमित रखती है.
किसी विषय पर आप की जानकारी सीमित होगी तो आप किसी सामाजिक स्थिति में स्वयं को अकेला और पिछड़ा हुआ महसूस करेंगे. पढ़ने से अनेक विषयों की विस्तृत जानकारी मिलती है.
हम जब से पैदा होते हैं, हमें कहानियां सुनाई जाती हैं क्योंकि वे अवचेतन मन को प्रभावित करती हैं.
किताबों में बहुत ताकत होती है. सफल लोग बताते हैं कि कम से कम एक किताब ने उन्हें जीवन में प्रभावित किया होता है.
पढ़ने से अकेलापन खत्म होता है खासतौर से लंबे सफर पर. इसलिए किताबों को अपना सच्चा साथी बना लें. किताबें हमारी ऐसी विश्वसनीय दोस्त हैं जो कभी हमारा साथ नहीं छोड़तीं, हमें कभी नहीं छलतीं.
पढ़ने से हमारी याद्दाश्त सुधरती है, एकाग्रता बढ़ती है जिस से हम चरित्रों और तथ्यों को याद रखने में सफल होते हैं.
पढ़ना मनोरंजन का सब से सस्ता साधन है. यह इंटरनैट और लाइब्रेरी में भी सुलभ है.
हर विषय पर बात कर के लोगों पर आप का अच्छा प्रभाव पड़ता है. यह दुखद है कि आजकल लोग सैलिब्रिटी गौसिप या टीवी के शोज की ही ज्यादा बातें करते दिखते हैं.
किताबें छोटी होती हैं, उन्हें कहीं ले जाना भी आसान है. न उन्हें बिजली की जरूरत होती है न उन्हें हानि पहुंच सकती है.
अगर आप को लिखने का शौक है तो पढ़ने से आप का लेखन भी सुधरता है.
तो अब हर हफ्ते या 15 दिनों में एक किताब पढ़ने का नियम बना लें. बस या ट्रेन में सफर करते समय भी पढ़ते हुए अपना समय अच्छी तरह बिताएं. यह व्यक्तिगत पसंद है कि हम उपन्यास पढ़ें या एजुकेशनल, रहस्यपूर्ण, सस्पैंस थ्रिलर या साइंस फिक्शन या इतिहास. अपने व्यक्तित्व को निखारने वाली किताबें या स्वास्थ्य संबंधी किताबें पढ़ कर अपने मस्तिष्क का विकास करें. पढ़ने से हमारा स्वास्थ्य भी सुधरता है. सोने से पहले कुछ देर पढ़ने से दिनभर की चिंताओं से छुटकारा मिल जाता है. सो, ज्ञान अर्जित करते रहें, पढ़ते रहें और आगे बढ़ते रहें.