पढ़कर नाच लिख प्रयनाक उत्त
सावधान मनुष्य; दि विज्ञान है तलवार, 213
तो इसे दो फेक, तजकस्-मोह, स्मृति के सार।
हो
चुका
है सिद्ध! है तू शिशु अभी अज्ञान,
फूल काँटो की तुझे कुछ भी नहीं पहचान ।
खेल सकता तू नहीं ले हाथ में तलवार,
काट लेगा अंग, तीखी है, बड़ी ये धार ।
1. उपर्युक्त पद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
2. उपर्युक्त पद्यांश का भाव अपनी भाषा में लिखिए।
3. फूल और काँटों से कवि का क्या तात्पर्य है ?
4. विलोम शब्द बताइए-स्मृति, अज्ञान।
5. धार शब्द का वाक्य में प्रयोग कीजिए
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