paustik bhojan ke fayede par sampadkiya likhe
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अपने बच्चे के आहार को लेकर हर पालक चिंतित रहता है फिर चाहे वो किसी भी वर्ग का क्यों न हो। लेकिन सभी पालक नहीं जानते कि स्वास्थ्यवर्धक-पौष्टक भोजन में कौन सी चीज को किस मात्रा में शामिल करना चाहिए।
क्या है कारण
झुग्गी बस्ती के बच्चों के कुपोषित होने का कारण साफ है कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक आहार ही नहीं मिल पाता लेकिन संभ्रांत परिवारों के बच्चे भी कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। ये बच्चे पीज्जा , बर्गर, केक-पेस्ट्री, सोडा, समोसे-कचोरी और फ्रेंच फ्रइज जैसी चीजें ही खाना पसंद करते हैं जिससे उन्हें भारी मात्रा में कैलोरी तो मिल जाती है लेकिन पोषण प्राप्त नहीं होता। इसलिए बच्चे मोटापे और कुपोषण के शिकार एकसाथ हो जाते हैं।
पालकों को पौष्टिक आहार के बारे में जानकारी होना बेहद जरुरी है ताकि बच्चे कुपोषण और मोटापे जैसी बीमारियों से बच सकें।
सूक्ष्म पोषक तत्व खाने से मिलने वाले वे तत्व हैं जिनकी शरीर को बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है। थोड़ी मात्रा में ही सही लेकिन ये तत्व शरीर के सही ढंग से काम करने के लिए अत्यावश्यक होते हैं।
सोडियम
शरीर में तरल पदार्थ का संतुलन बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है। रक्त का पी.एच. लेवल नियमित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
मैंग्नीज
हड्डियों के निर्माण और ऊर्जा के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट के चयापचय में सहायक।
मैग्नीशियम
हृदय दर (रिदम) को नियमित करने के लिए महत्वपूर्ण। यह रक्त में मौजूद शर्करा (ब्लड ग्लुकोज़) को ऊर्जा में परिवर्तित करने में सहायक होता है। साथ ही कैल्शियम और विटामिन-सी जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों के चयापचय के लिए आवश्यक है।
लौह तत्व
हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं और लिंफोसाइट्स के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।
आयोडीन
थायरॉइड ग्रंथि के कार्य और विकास के लिए अत्यावश्यक होता है। फैट के चयापचय, यह ऊर्जा के उत्पादन और शरीर के विकास के लिए सहायक है।
क्लोराइड
यह कोशिकाओं में पानी और इलेक्ट्रोलाइट के स्तर को नियमित करने के साथ ही कोशिकाओं का पी.एच. लेवल बनाए रखने में सहायक है।
आहार के जरिए पर्याप्त सूक्ष्म पोषक तत्व प्राप्त करना कोई कठिन कार्य नहीं है। बच्चे को संतुलित आहार देने की ओर ध्यान दें। सूखे मेवे, साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, विभिन्न रंगों के फल व सब्जियां (काले अंगूर, बेर, चुंकदर, आलूबुखारे आदि)। खाने में तरह-तरह की चीजों को शामिल करने से सभी प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त हो जाते हैं। आहार में प्राकृतिक रुप से रंगों की जितनी विविधता होगी पोषण के लिहाज से उतना ही अच्छा होगा।