(३), पवन दीवान मूलतः किस भाषा कवि हैं -
(ब) उर्दू
(स) संस्कृत
(अ) हिन्दी
(द) छत्तीसगढ़ी
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(द) छत्तीसगढ़ी
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- पवन दीवान छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण आंदोलन के प्रखर नेता, संत और कवि थे। वह छत्तीसगढ़ी, हिन्दी, संस्कृत और अंग्रेज़ी भाषाओं के प्रखर वक्ता थे।
- उन्होंने महानदी के किनारे छत्तीसगढ़ की तीर्थ नगरी राजिम से 'अंतरिक्ष', 'बिम्ब' और 'महानदी' नामक साहित्यिक पत्रिकाओं का सम्पादन किया।
- पवन दीवान लम्बे समय तक राजिम स्थित संस्कृत विद्यापीठ के प्राचार्य भी रहे।
- वह खूबचन्द बघेल द्वारा स्थापित 'छत्तीसगढ़ भातृसंघ' के भी अध्यक्ष रहे।
- राजनीति में रहने के बावज़ूद पवन दीवान की पहचान मुख्य रूप से एक आध्यात्मिक सन्त, विद्वान भागवत प्रवचनकर्ता और हिन्दी तथा छत्तीसगढ़ी के लोकप्रिय कवि के रूप में आजीवन बनी रही।
- उनकी प्रकाशित पुस्तकों में कविता संग्रह 'मेरा हर स्वर इसका पूजन' और 'अम्बर का आशीष' उल्लेखनीय हैं।
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