पयांग एवं
प्र.1.
(10)
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
आज जीत के रात,
पहरुए, सावधान रहना।
खुले देश के द्वार,
अचल दीपक समान रहना।
ऊँची हुई मशाल हमारी,
आगे कठिन डगर है।
शत्रु हार गया, लेकिन उसकी,
छायाओं का डर है।
शोषण से है मृत समाज,
कमजोर हमारा घर है।
किन्तु आ रही नई जिन्दगी,
यह विश्वास अपर है।
जन गंगा में ज्वार,
लहर तुम प्रवद्यमान रहना,
पहरुए सावधान रहना।
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Answer:
यदयदथरदरददधदध मध्यम तरह मध्यम मध्यम मोह मद्धम व्यंग्यात्मक डेमन नजर रख बरसे चंदावरकर आउटडेटेड गोंदला नवेली चम्मच
Explanation:
रद्द निर्वहन में व्यंजन दमन रमन तन जन जजों जजों जो उच्च रेड्डी गुंडे
जड़ी इंसाफ क्षत्रिय वैश्य नजर छछूंदर गंग कटकट बहन क्षत्रिय रद्द रद्द वह वन धधध़ दो दो थे जय तन चढढगग का का का फंड फंड फंड बढ़ बढ़ हम हम मत मत ये रद्द रद्द रद्द रद्द वह दो थे थे तो तु तु चम्मच घी गई गई कि का फंड फंड बढ़ हम हम मत मत रद्द रद्द रद्द रद्द रद्द दो थे थे तो तु तु
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