पयावरण और प्रदषण के विषय पर एक
आलोक लिखिए
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Explanation:
प्रदूषण आज के समय का एक सबसे बड़ा मुद्दा है जिसके बारे में सभी को पता होता है। पर्यावरण प्रदूषण हमारे जीवन की सबसे बड़ी समस्या है। प्रदूषण की वजह से हमारा पर्यावरण बहुत अधिक प्रभावित हो रहा है। प्रदूषण चाहे किसी भी तरह का हो लेकिन वह हमारे और हमारे पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक होता है।
प्रदूषण से पृथ्वी दूषित होती है और उसका संतुलन भी बिगड़ जाता है। हम लोग एक प्रदूषित दुनिया में रह रहे हैं जहाँ पर वायु, जल, भोजन सभी चीजे दूषित हैं। मनुष्य प्रजाति प्रदूषण को उत्पन्न करने में सबसे अहम योगदान दे रही है।
प्रदूषण का अर्थ : प्रदूषण का अर्थ है -प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना। न शुद्ध वायु मिलना, न शुद्ध जल मिलना, न शुद्ध खाद्य मिलना, न शांत वातावरण मिलना।
प्रदूषण कई प्रकार का होता है! प्रमुख प्रदूषण हैं - वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण और ध्वनि-प्रदूषण ।
लोग पॉलीथीन और पेट्रोलियम जैसी चीजों का प्रयोग अधिक करते जा रहे हैं जिसकी वजह से पर्यावरण को बहुत हानि हो रही है। वैज्ञानिकों द्वारा भी पर्यावरण प्रदूषण को सूचीबद्ध किया गया है और हमारी सरकार भी इस विषय में बहुत चिंतित है।
प्रदूषण का कारण : मनुष्य जाति इस स्थिति के लिए खुद ही जिम्मेदार है। क्योंकि मनुष्य जाति ऐसी बहुत सी वस्तुओं का प्रयोग कर रही है जिसे बनाने के लिए बहुत हानिकारक पदार्थों का प्रयोग किया जाता है और जब ये चीजें फालतू बच जाती हैं तो इन्हें फेंक दिया जाता है जिसकी वजह से हानिकारक कैमिकल्स आस-पास के वातावरण में फैलने लगते हैं और पर्यावरण को प्रदूषित कर देते हैं।
मनुष्य प्रकृति से मिले इस अमूल्य धन को व्यर्थ ही नष्ट करता जा रहा है। पर्यावरण में कार्बन-डाई-आक्साइड की अधिक मात्रा हो गई है जिसकी वजह से धरती का तापमान बढ़ता जा रहा है। धरती के तापमान बढने की वजह से ओजोन परत को हानि हो रही है जिसके कारण सूर्य की किरण सीधी धरती पर पहुंचने लगी हैं और मनुष्य को अलग-अलग तरह की बीमारियाँ हो रही हैं
प्रभाव और समस्या : मीलों, कारखानों, मोटर वाहनों, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के द्वारा जो कार्बन-मोनो-आक्साइड गैस से जो अपशिष्ट और धुआँ निकलता है उसे कृषि में उपयोग किया जाता है, नालियों का दूषित जल और वनों की कटाई की वजह से भी पर्यावरण प्रदूषण की समस्या बढती जा रही है।
आज के समय में पर्यावरण प्रदूषण देश की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। यह केवल राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि एक अंतर्राष्ट्रीय समस्या बन चुकी है। वर्तमान समय में हम इस समस्या की वजह से सुखी और शांति पूर्ण जीवन व्यतीत नहीं कर पाएंगे। जब भी हम एक समाचार पत्र पढ़ते हैं उस समाचार पत्र में पर्यावरण प्रदूषण के पक्षों को देखा जा सकता है।
प्रदूषण की रोकथाम : अगर मनुष्य पृथ्वी पर जीवित रहना चाहता है तो पर्यावरण को प्रदूषित न होने दे और अपने आस-पास के वातावरण को साफ और स्वच्छ रखने की हर मुमकिन कोशिश करे। पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता का भाव पैदा करना चाहिए। मनुष्य को जितना हो सके अधिक-से-अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिएँ। वैज्ञानिकों द्वारा धुम्रपान को कम करने के उपाय को खोजा जा रहा है। संसार के सभी लोगों को मिलकर पर्यावरण प्रदूषण को रोकने की कोशिश करनी चाहिए।
उपसंहार : अगर प्रदूषण को कम करना है तो सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता है। मीडिया को लोगों को इस विषय में संदेश देने चाहिएँ। प्रदूषण की समस्या को केवल वैश्विक या सामूहिक प्रयासों से ही नियंत्रित किया जा सकता है। प्रदूषण की वजह से आने वाली पीढ़ी को बहुत अधिक भुगतान करना पड़ेगा।
Answer:
above answer is correct