Payan
स्वागत है
है इस
कवित
का रसास्वादन kijiye
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स्वागत है कविता
Explanation:
स्वागत है कविता में कवि ने बताया है कि
बोहोत साल पहले, बिहार से बोहोत सारे मजदूर मौसरिसियस भेजे गए। उन्होंने पत्थर और कंकर से भरे मरिशियस को बोहोत सुंदर बना दिए। आज देश विदेश से लोग मरिशाउस घूमने आते हैं
मॉरिशस की धरती पर सबका स्वागत है।
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“स्वागत है” कविता का रसास्वादन निम्न है-
- यह कविता कवि शाम दानीश्वर जी द्वारा लिखी गयी है|
- यह कविता “प्रवासी भारतीय हिंदी साहित्य” में आती है|
- हिंदी साहित्य में कई हिंदी रचनाएँ ऐसी हैं जो विदेश में रहने वाले भारतियों द्वारा की है, इसी प्रकार के साहित्य को “प्रवासी भारतीय हिंदी साहित्य” कहते हैं|
- इन रचनाओं के द्वारा रचनाकारों ने भारीतय इतिहास और संस्कृति को जीवित रखा है और साथ ही साथ अपने प्रवास की संस्कृति एवं परम्पराओं को भी दूसरों तक पहुँचाया है|
- इस कविता में कवि लोगों को मॉरिशस आने को कह रहे हैं| वह कहते हैं की हमारे पूर्वजों के साथ जो भी हुआ उसे भूल जाओ| स्मरण करने से कुछ फायदा नहीं होगा| इससे बेहतर है की उनके परिश्रम को देखो और देखो की किस प्रकार उन्होंने मॉरिशस को लघु भारत बनाया है| यह सोचो की अब अपने बिछड़ों से मिलने का समय आ गया है|
- कविता में “भयानक” एवं “करुण” रस है| भयानक रस का ज्ञात हमे हमारे परिजनों को जब जबरदस्ती मॉरिशस भेजा गया और उनपर अत्याचार हुए उससे होता है| उनसे बिछड़ने के शोक में ही करुण रस है|
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