Hindi, asked by kiaandave2010, 6 months ago

pepelika poem in hindi by sumitra nandan pant explanation ​

Answers

Answered by kirankumarikumari884
0

Explanation:

मैंने छुटपन में छिपकर पैसे बोये थे,

सोचा था, पैसों के प्यारे पेड़ उगेंगे,

रुपयों की कलदार मधुर फसलें खनकेंगी

और फूल फलकर मै मोटा सेठ बनूँगा !

पर बंजर धरती में एक न अंकुर फूटा,

बन्ध्या मिट्टी नें न एक भी पैसा उगला !

सपने जाने कहाँ मिटे, कब धूल हो गये !

मैं हताश हो बाट जोहता रहा दिनों तक

बाल-कल्पना के अपलर पाँवडडे बिछाकर

मैं अबोध था, मैंने गलत बीज बोये थे,

ममता को रोपा था, तृष्णा को सींचा था !

Answered by janvimundada
0

Answer:

See the attachments !

I hope this helps you !!

plz mark it as brain list and also mark on heart !

If its really helpful to you !!!

Attachments:
Similar questions