Hindi, asked by prabh95, 1 year ago

petrol Ki Beti kimat nibandh in Hindi​

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Answered by Luci164
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Answered by amanansari9708
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Answer:

भारत में लगभग अस्सी फीसदी तेल का आयात किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर कच्चा तेल प्रति बैरल के हिसाब से खरीदा और बेचा जाता है. एक बैरल में तकरीबन 162 लीटर कच्चा तेल होता है.

जिस कीमत पर हम पेट्रोल खरीदते हैं उसका करीब 48 फीसदी उसका बेस यानि आधार मूल्य होता है .

इसके अलावा करीब 35 फीसदी एक्साइज ड्यूटी, करीब 15 फीसदी सेल्स टैक्स और दो फीसदी कस्टम ड्यूटी लगाई जाती है.

तेल के बेस प्राइस में कच्चे तेल की कीमत, प्रॉसेसिंग चार्ज और कच्चे तेल को शोधित करने वाली रिफाइनरियों का चार्ज शामिल होता है.

एक्साइज ड्यूटी कच्चे तेल को अलग-अलग पदार्थों जैसे पेट्रोल, डीज़ल और किरोसिन आदि में तय करने के लिए लिया जाता है.

वहीं, सेल्स टैक्स यानी बिक्री कर संबंधित राज्य सरकार द्वारा लिया जाता है.

तेल पर कर

राज्यों द्वारा लिया जाने वाला बिक्री कर ही विभिन्न राज्यों में पेट्रोल की कीमत के अलग - अलग होने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है .

यही वजह है कि मुंबई में पेट्रोल दिल्ली की तुलना में महंगा है क्योंकि दिल्ली में बिक्री कर कम है और इसी वजह से अलग-अलग शहरों में तेल की कीमत भी कम-ज्यादा होती है.

विभिन्न राज्यों में ये बिक्री कर या वैट 17 फीसदी से लेकर 37 फीसदी तक है.

हाल ही में कंपनियों ने लगातार पट्रोल की कीमतों में इजाफा किया है.

तेल कंपनियों ने एक बार फिर से पेट्रोल की कीमतें बढ़ाकर कोशिश की है कि सरकारी तेल कंपनियों का घाटा पूरा किया जा सके.

भारत में पेट्रोल की कीमतों का नियंत्रण सरकार नही करती बल्कि कंपनियां करती हैं, पर डीजल और कैरोसिन और रसोई गैस की कीमतों पर अभी भी सरकार का ही नियंत्रण है और इस पर सरकार सब्सीडी देती है.

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