Hindi, asked by kapoornaman1919, 1 year ago

Phool aur kaante poem by ayodhya singh explanation

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Answered by prachi1235
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Answer:

हे जन्म लेते जगत में एक ही है

एक ही पौधा है उन्हें पालता

रात में उन पर चमकता है चांद भी,

एक ही सी चांदनी है डालता

मैं उन पर है बरसाता एक साह

एक सिर पर हवाई है वही

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