Phool aur kaante poem by ayodhya singh explanation
Answers
Answered by
1
Answer:
हे जन्म लेते जगत में एक ही है
एक ही पौधा है उन्हें पालता
रात में उन पर चमकता है चांद भी,
एक ही सी चांदनी है डालता
मैं उन पर है बरसाता एक साह
एक सिर पर हवाई है वही
Similar questions