Phoolon Ki pradarshani mein bitaya ek ghanta nibandh in Hindi
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सर्दीका मौसम मंद मंद धूप, विशेषताओं से भरे हुए रंग बिरंगे फूलों की महक, अलग तरह के पौधे लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। संगीत की धुनों के साथ माहौल और खुशमिजाज हाे चला था। यह नजारा था एचएयू के वनस्पति विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय गुलदाऊदी पुष्प प्रदर्शनी का। जहां एक से एक सुंदर और अलग तरह के फूल सबको अपनी तरह आकर्षित कर रहे थे। इससे प्रदर्शनी में आने वाले हर व्यक्ति के चेहरे पर खुशी उभर रही थी। प्रदर्शनी में फूलों के साथ 26 साल पुराने महज 2 फुट लंबाई के बोन साई पौधे लोगों के लिए चर्चा का विषय रहे, तो 5 से 10 साल के गमले में लगाए हुए कैक्टस यानि कांटों वाले प्लांट को देखने के लिए लोगांे की भीड़ रही। प्रदर्शनी का उद्घाटन पुलिस महानिरीक्षक अनिल कुमार राव ने किया। उन्होंने कहा कि फूलों का रंगों का जीवन के साथ सीधा संबंध है। इस अवसर पर राव, रजिस्ट्रार डॉ. एसएस दहिया, डॉ. आरके जैन, रजिस्ट्रार, वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. जेके संदूजा भी उपस्थित थे। भारतीय स्टेट बैंक की एचएयू शाखा एवं सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक प्रदर्शनी के सहयोगी रहे।
गुलदाऊदीफूलों की खास बात क्या
गुलदाऊदीप्रदर्शनी में लगाए गए 48 तरह के फूलों में सबसे खास बात यह है कि एक बार खिलने के बाद यह फूल एक महीने से भी ज्यादा समय तक मुरझाता नहीं है। प्रदर्शनी इंचार्ज जेके संदूजा ने बताया कि गुलदाऊदी पुष्प श्रेणी में बॉल नुमा फूल, गेंदा टाइप फूल, स्पाइडर फूल लंबी पत्तियों के फूल चार तरह के हैं। उन्होंने बताया कि इस बार का मौसम इन फूलों के सही तरह से विकसित होने के लिए अनुकूल है। इन फूलों काे कहीं भी रखा जा सकता है। बस इनको तेज धूप और बारिश से बचाकर रखना होता है। इनमें से सिंगल गुलदाऊदी किस्म के नाम से फूल का साइज चार से 6 इंच तक होता है। उन्होंने कहा कि गुलदाऊदी का पौधा एक साल तक चलता है। जुलाई में लगाने के बाद दिसंबर जनवरी माह में इन पर फूलों का आना शुरू हो जाता है। यह फूल 6 से 7 राज्यों की कलेक्शन हैं। जिनमें से ज्यादातर वेस्ट बंगाल के हैं।
गुलदाऊदी की प्रतियोगिता में जितेंद्र प्रथम रहा
प्रतियोगिताओंमें गुलदाऊदी के बड़े आकार के फूल श्रेणी में जितेन्द्र प्रथम, दिव्या द्वितीय तथा सुभाष अत्री तृतीय स्थान पर रहे। फोलिएज प्लांट्स में सत्यवान, विनोद कुमार फूल चन्द को क्रमश: प्रथम, द्वितीय तृतीय पुरस्कार मिला। पॉम में विनोद कुमार, सतदेव सत्यवान जबकि कैक्टस एंड सैक्यूलेंटस में जितेन्द्र पाला राम सुभाष चन्द्र को क्रमश: प्रथम, द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। स्कूल कालेज विद्यार्थियों के लिए आयोजित ड्राइंग एंड पेंटिंग प्रतियोगिता में कनिष्ठ वर्ग में नैनसी, विशाखा जिया जबकि वरिष्ठ वर्ग में पुलकित, किरण पारुल ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त किया तथा कालेज विद्यार्थियों में आशा ने तृतीय स्थान हासिल किया। मेहंदी रचाओ में स्कूल विद्यार्थियों में महक ने प्रथम, कांता ने द्वितीय तथा सिमरन ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। रंगोली प्रतियोगिता में स्कूल छात्रों में यशवी एवं शुभि प्रथम, श्रुति एवं प्रीति द्वितीय तथा सविता एवं संगीता तीसरे स्थान पर रहीं।
फूलों के अलावा प्रदर्शनी में लगे हुए बोन साई के पौधे बहुत ही खास रहे। गमलों में लगाकर जिन पौधों को बढ़ने नहीं दिया जाता है। जिनकी जड़ें बाहर दिखती रहती है पौधा हरा भरा रहता है। वह बोन साई पौैधे कहलाते हैं। इनकी श्रेणी में 26 साल पुराना ओरो केरिया उर्फ बूनिया-बूनिया, पिलखन-25 साल, चिलखन-20 साल, जाय पुत्र-8 साल, बौना फाइकस- 16 साल फाइकस-12 साल के पौधे बहुत ही खास हैं। इनमें से ज्यादातर पश्चिम क्षेत्र के पौधे हैं।
हिसार | चौधरीचरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा आयोजित गुलदाउदी पुष्प प्रदर्शनी में जीजेयू का शानदार प्रदर्शन रहा। विश्वविद्यालय ने विभिन्न वर्गों में कुल 24 में से 14 पुरस्कार प्राप्त किए। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार कुलसचिव प्रो. एमएस तुरान ने विश्वविद्यालय के बागवानी विभाग की पूरी टीम को इस शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी है। विश्वविद्यालय के अधीक्षक अभियन्ता अशोक अहलावत ने बताया कि बागवानी विभाग की टीम ने गमलों में गुलदाउदी के छोटे फूलों की श्रेणी में, पत्तों वाले पोधों की श्रेणी में तथा विभिन्न प्रकार के पाम के पौधों की श्रेणी में विश्वविद्यालय ने प्रथम, द्वितीय तृतीय तीनों ही पुरस्कार हासिल किए।
लाल, पीले, हरे, नीले, गुलाबी रंगों में खिले हुए खूबसूरत फूलों के नाम बड़े ही रोचक हैं। कस्तूरबा गांधी, सद्भावना, राजा, मिनी क्वीन, रेड वाइन, शरद माला, पिंक लेडी, ब्यूटी, बिस्कुट पार्सल, गौरी, सुनील, हेलो क्वीन, मिस इंडिया, पूर्णिमा, यैलो कैश नट-कट जैसे अनेक नामों के फूलों को देखना लोगों के लिए नया अनुभव रहा।
25 साल पुराना और महज 2 फुट लंबा पिलखन का पौधा।
बोन साई किस्म में रखा हुआ 26 साल पुराना बुनिया-बुनिया का पौधा।
प्रदर्शनी का निरीक्षण करने के दौरान आईजी अनिल राव ने बेटी-बचाओ बेटी पढाओ रंगाेली पर पत्ते को गिरे देखा तो उसे खुद उठाकर दूर कर दिया।
एचएयू में गुलदाऊदी पुष्प प्रदर्शनी के दौरान रंग बिरंगे फूलों को देखते हुए बच्चे।