Hindi, asked by vaishnaviyeole932, 3 months ago

phul aur kate unke bhavarth​

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Answered by rorsoni867
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Answer:

प्रस्तुत कविता फूल और कांटा कविवर अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' विरचित है। इस कविता में कवि ने फूल और कांटे की तुलना उनके विभिन्न प्राकृतिक (स्वाभाविक) गुणों के आधार पर की है। एक ही पौधे में इन दोनों का जन्म एक ही स्थान पर होता है। पर इनके व्यवहारिक गुणों में बहुत अंतर है।

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Answered by deveshkumar9563
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Answer:

फूल और कांटे "अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध जैसे महान श्रेष्ठ कवि की रचना है। इस कविता के माध्यम से इन्होंने फूल के मान प्रतिष्ठा का बखान करते हुए फूल को सुखदाता, प्रेम एवं आदर्श का प्रतीक बताया है। इसकी महत्ता जगजाहिर एवं सर्वविदित है।

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