Hindi, asked by shaikaman1821, 1 year ago

Pita aur putra ke madhya bhrashtachar par samvad

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Answered by aqibkincsem
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सुनील: "नमस्ते मित्र, कैसे हो?"

सुशील: "अरे क्या बतायें मित्र, आजकल ईमानदारी का जमाना नहीं है।" सुनील: "क्यों, क्या हुआ?"

सुशील: "तुम तो जानते हो कि मेरा बेटा पढ़ने में कितना होशियार है।" सुनील: "हाँ, ये तो सच है।"

सुशील: "उसने इतनी मेहनत करके डिग्री प्राप्त करी है, पर कोई उसे नौकरी देने को तैयार नहीं है।"

सुनील: "क्यों?"

सुशील: "सब जगह सिफारिश की आवश्यकता है, यदि कोई बड़ा वी.आई.पी उसकी सिफारिश करेगा तभी उसे नौकरी मिल सकती हैं।"

सुनील: "ये तो भ्रष्टाचार है।"

सुशील: "इसीलिए तो कह रहा हूँ कि आजकल ईमानदारी से काम नहीं चलता है।"

सुनील: "शायद इसीलिए देश में इतनी उन्नति होने के बावजूद बेरोज़गारी की समस्या हल नहीं हुई है।"

सुशील: "कल मैं किसी काम से एक फैक्ट्री देखने गया था।"

 सुनील: "अच्छा।"

सुशील: "वहां मैंने देखा कि छोटी उम्र के अनेक बच्चे काम कर रहे थे। मुझे उनकी दशा देखकर बहुत दुःख हुआ।"

सुनील: "क्या तुमने उनसे बात भी करी?"

सुशील: "हाँ, मैंने एक बहुत छोटे लड़के से बात करी। वह देखने में बहुत दुबला पतला है। उसने बताया कि उसके माता पिता बहुत गरीब हैं। इसलिए वह स्कूल नहीं जा सकता और उसे अपना पेट भरने के लिए स्वयं श्रम करना पड़ता है।"

सुनील: "सच में यह तो बहुत दुःख की बात है।"

सुशील: "क्या तुम जानते हो कि चौदह और पंद्रह वर्ष से कम उम्र के बच्चों से इस प्रकार फैक्ट्री में काम करवाना कानून के विरूद्ध है।"

सुनील: "हाँ पर फिर भी लोग बिचारे बच्चों से काम करवाते हैं।"

 सुशील: "आजकल सब जगह भ्रष्टाचार नज़र आता है।"

 सुनील: "हाँ, देखो बाज़ार में इतनी नयी चीजें उपलब्ध हो गयी हैं और लोगों को शौपिंग में बड़ा मज़ा आता है पर उनमें से सही चीज़ चुनना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि उसमें भी धोखा हो सकता है।"

Answered by ashwanikrsinhagabasp
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Answer:

gidfhaiscsosvsksjoshe ge ishs

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