Pitaji ki or se bete ko Parishram ka mahatva batate Huye Patra
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■■पुत्र को परिश्रम का महत्व बताते हुए पिता द्वारा लिखा गया पत्र■■
३,रामकृष्ण सोसायटी,
जी.बी.टी. नगर,
मुलुंड(पू)
मुंबई-४०००६६
दिनांक:२९ दिसंबर,२०१९
प्रिय समीर,
अनेक आशीर्वाद।
आशा करता हूँ कि तुम कुशल होंगे।आज मैं तुम्हें "परिश्रम का महत्व" बताने के लिए यह पत्र लिख रहा हूँ।
बेटा, परिश्रम का बहुत महत्व है।जो इंसान मेहनत करता है,वही जीवन में सफलता पाता है।
कठोर परिश्रम करते रहने से मुश्किल से मुश्किल लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है।मेहनती इंसान सभी लोगों को पसंद आता है,वह लोगों को भरोसेमंद लगता है।
"मेहनत का फल मीठा होता है",यह कहावत तो तुमने सुनी ही होगी।अगर तुम मेहनत से और मन लगाकर पढ़ाई करोगे,तो तुम्हें परीक्षा में जरूर अच्छे गुण मिलेंगे।आखिरकार, परिश्रम ही सफलता की कुंजी है।
आशा है, कि तुम अपने सारे काम परिश्रम से करोगे और जिंदगी में सफलता पाओगे।
तुम्हारा शुभचिंतक पिता,
रमेश।
अशोक विहार,
नई दिल्ली।
29 दिसंबर, 2019
विषय : परिश्रम का महत्त्व
प्रिय रवि
स्नेहाशीष।
हम सभी यहाँ सकुशल हैं और आशा है कि तुम भी वहाँ पर ईश्वर की कृपा से कुशलतापूर्वक होगे। तुम पहली बार घर से बाहर हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हो, इसलिए तुम्हारी विशेष चिंता लगी रहती है।
वहाँ का माहौल, नये मित्र और अपनी नई दिनचर्या–सभी कुछ पत्र में लिखना। ये समय तुम्हारे भविष्य निर्माण का है, अतः तुम्हें विशेष परिश्रम करना है। पढ़ने का नियत समय होना चाहिए।
प्रातःकाल उठकर पढ़ना श्रेयस्कर है। साथ ही अपने मित्रों का चुनाव भी बहुत सोच-समझकर करना जो पढ़ाई में रुचि रखते हों। वस्तुतः विद्यार्थी-जीवन तो परिश्रम का ही होता है और भविष्य के सपने परिश्रम से ही पूरे होते हैं, मन की कामना से नहीं।
बेटा, परिश्रम का बहुत महत्व है।जो इंसान मेहनत करता है,वही जीवन में सफलता पाता है। कठोर परिश्रम करते रहने से मुश्किल से मुश्किल लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है। मेहनती इंसान सभी लोगों को पसंद आता है, वह लोगों को भरोसेमंद लगता है। पत्रोत्तर शीघ्र देना।
तुम्हारा पिता
राजेश