Hindi, asked by vmbashyam, 1 year ago

plant trees in hindi in essays​

Answers

Answered by sanjeevaarav910
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Answer:

प्रदूषण के समस्या से हर कोई परेशान हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि किसी राज्य में कम प्रदूषण है तो किसी राज्य में ज्यादा लेकिन प्रदूषण है।

इस बढ़ते हुए प्रदूषण का कारण कहीं न कहीं हम सब मानव ही है क्योंकि जब हमारे पास रहने का स्थान नहीं हो रहा है। हम �दियों , तालाबों, पेड़-पौधों सभी को काटकर घर बनाते हैं जो कि गलत है।

वातावरण सुरक्षित पेड़ पौधों के कारण ही होती है। जिसको हम लगा कम रहे हैं और काट ज्यादा रहे हैं।

जितना ज्यादा हम पेड़ लगाएंगे हम प्रदूषण की समस्याओं से उभर कर आएंगे।

Answered by samiyafathima
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Answer:

Explanation:

धर्मशास्त्रों में वृक्षारोपण को पुण्यदायी कार्य बताया गया है । इसका कारण यह है कि वृक्ष धरती पर जीवन के लिए बहुत आवश्यक हैं । भारतवर्ष में आदि काल से लोग तुलसी, पीपल, केला, बरगद आदि पेड़-पौधों को पूजते आए हैं । आज विज्ञान सिद्ध कर चुका है कि ये पेडू-पौधे हमारे लिए कितने महत्त्वपूर्ण हैं ।

वृक्ष पृथ्वी को हरा- भरा बनाकर रखते हैं । पृथ्वी की हरीतिमा ही इसके आकर्षण का प्रमुख कारण है । जिन स्थानों में पेड़-पौधे पर्याप्त संख्या में होते हैं वहाँ निवास करना आनंददायी प्रतीत होता है । पेड़ छाया देते हैं । वे पशु-पक्षियों को आश्रय प्रदान करते हैं । पेड़ों पर बंदर, लंगूर, गिलहरी, सर्प, पक्षी आदि कितने ही जंतु बड़े आराम से रहते हैं । ये यात्रियों को सुखद छाया उपलब्ध कराते हैं । इनकी ठंडी छाया में मनुष्य एवं पशु विश्राम कर आनंदित होते हैं ।

वृक्ष हमें क्या नहीं देते । फल, फूल, गोंद, रबड़, पत्ते, लकड़ी, जड़ी-बूटी, झाडू, पंखा, चटाई आदि विभिन्न प्रकार की जीवनोपयोगी वस्तुएँ पेड़ों की सौगात होती हैँ । ऋषि-मुनि वनों में रहकर अपने जीवन-यापन की सभी आवश्यक वस्तुएँ प्राप्त कर लेते थे । जैसे-जैसे सभ्यता बड़ी लोग पेड़ों को काटकर उनकी लकड़ी से घर के फर्नीचर बनाने लगे । उद्‌योगों का विकास हुआ तो कागज, दियासलाई, रेल के डिब्बे आदि बनाने के लिए लोगों ने जंगल के जंगल साफ कर दिए । इससे जीवनोपयोगी वस्तुओं का अकाल पड़ने लगा । साथ ही साथ पृथ्वी की हरीतिमा भी घटने लगी ।

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