Hindi, asked by harshnagar67, 11 months ago

plastic ek abhishap nibandh​

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Answered by Awesomeme17
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Hola mate here is your answer :-

प्लास्टिक एक अभिशाप

प्लास्टिक एक अभिशाप प्यारे भारत वासियों अब हम अक्सर लोगो के मुख से ये सुनते है कि अब से 50 साल पहले बहुत सुकून था, भागम भाग नहीं थी , लोगो को आपस मे बैठ कर बात करने का समय था, पीने को साफ पानी था , सास लेने के लिए स्वच्छ हवा थी आदि आदि । लेकिन आज वो सब नहीं है न पीने को साफ पानी और न ही स्वच्छ हवा । ऐसा क्यों ?इसका कारण है कि हम अपनी संस्कृति को भूल गए और विदेशी वस्तुए, विदेशी रहन-सहन हमे अच्छा लगने लगा। विदेशी चकाचौंध को देखकर हम बौरा गए है और बिना कुछ सोचे समझे लालची कुत्ते व नकलची बंदर की तरह हम भारतीय लोग विदेशी जीवन शैली अपनाते जा रहे है. हम लोग हर विदेशी वस्तु को आँख बंद करके अपना लेते है और ये सोचते ही नहीं कि उस वस्तु का क्या घातक परिणाम हमारे सामने आयेगा ।मित्रो ये प्लास्टिक एक विदेशी दिमाग की उपज है जिसे सन् 1862 मे अलेक्जेंडर पार्कीस ने लंदन मे एक महान अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया । इसके द्वारा बनी हुयी वस्तुएं बहुत आकर्षक, टिकाऊ और कभी न सड़ने गलने वाली होती है। ये बात बिल्कुल ठीक है लेकिन प्लास्टिक से बनी हुयी वस्तुएं आज हमारे जन जीवन के लिए कितनी घातक हो जाएँगी ये किसी ने नहीं सोचा।पहले भारत के लोग सोने चाँदी के वर्तनों मे खाना खाते थे फिर उसके कुछ समय बाद पीतल, तांबे और फूल जैसी धातुओं से बने वर्तनों मे खाना खाने लगे, उसके बाद लोहे, स्टील,मिट्टी और ऍल्युमिनियम (स्वस्थ के लिए हानिकारक) से बने वर्तनों मे खाना खाने लगे। और आज प्लास्टिक के वर्तनों मे। खाने के लिए प्लास्टिक के वर्तन का उपयोग करना बहुत हानिकारक है । आज चम्मच , कप , प्लेट ,गिलास , कटोरी , बोतल आदि आदि हर एक वस्तु प्लास्टिक की बनाई जाने लगी है। आज कल शादी पार्टी मे खाने के दौरान अक्सर ये देखने को मिलता है ।

Hope it helps!!


harshnagar67: thanks mam
khan8862: not mam
harshnagar67: than what
khan8862: nothing
harshnagar67: by
harshnagar67: can u help me
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