Hindi, asked by aakansh2005, 1 year ago

Plastic hatao paryavaran bachao 10 to 20 lines

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Answered by Anonymous
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प्लास्टिक इस समय का प्रमुख विषाक्त प्रदूषक है। एक गैर विघटित पदार्थ होने तथा जहरीले रसायन से बना होने के कारण यह पृथ्वी, हवा और पानी को प्रदूषित करता है।

प्लास्टिक अपने उत्पादन और निपटान (डिस्पोजल ) के दौरान पर्यावरण की गंभीर क्षति का कारण बनता है। प्लास्टिक के खतरों को कम करने का तरीका तो केवल प्लास्टिक के उपयोग को कम करने और इसके उत्पादन में कटौती करने से ही सम्भव है I

पॉलिएथिलीन, पॉलिविनाएल क्लोराइड, पॉलिस्टरीन् बड़े पैमाने पर प्लास्टिक के निर्माण में प्रयोग किया जाता है। सिंथेटिक पॉलिमर आसानी से जटिल आकार में ठल जाते हैं, उच्च रासायनिक प्रतिरोधक है, और अधिक या कम लोचदार होते हैं। कुछ को फाइबर या पतली पारदर्शी फिल्मों में भी बदला जा सकता है। इन्ही गुणों के कारण उन्हें कई लोकप्रिय टिकाऊ या डिस्पोजेबल वस्तुओं और पैकेजिंग सामग्री बनाने के लिए उपयोग मे लाया जाता है। इन सामग्रियों का आणविक भार कई हजारों से लेकर 1,50,000 है।

अत्यधिक आणविक आकार होने के कारण ही इन रसायनों की प्रतिरोधक छ्मता अधिक होती है और ये लंबे समय के लिए मिट्टी के वातावरण में अपने आप को बनाये रखते हैं।प्लास्टिक कचरा पर्यावरण के लिए एक गंभीर संकट बना हुआ है। हर परिवार हर साल क़रीब तीन-4 किलो प्लास्टिक थैलों का इस्तेमाल करता है। बाद में यही प्लास्टिक के थैले कूड़े के रूप में पर्यावरण के लिए मुसीबत बनते हैं। पिछले साल देश में 29 लाख टन प्लास्टिक कचरा था, जिसमें से करीब 15 लाख टन कचरा सिर्फ़ प्लास्टिक का ही था ।एक रिपोर्ट के मुताबिक़ पूरे संसार में प्रतिवर्ष 100 मिलिअन टन से भी यादा प्लास्टिक का उत्पादन होता है I

देश में हर साल 30-40 लाख टन प्लास्टिक का उत्पादन किया जाता है। इसमें से क़रीब आधा यानी 20 लाख टन प्लास्टिक रिसाइक्लिंग के लिए मुहैया होता है। हालांकि हर साल क़रीब साढ़े सात लाख टन कूड़े की रिसाइक्लिंग की जाती है। कूड़े की रिसाइक्लिंग को उद्योग को दर्जा हासिल है और सालाना क़रीब 25 अरब रुपये का कारोबार है। देश में प्लास्टिक का रिसाइक्लिंग करने वाली छोटी-बड़ी 20 हज़ार इकाइयां हैं। भारत में प्रति वष? प्रति व्यक्ति 2 क़िग्रा प्लास्टिक जबकि युरोपिअन देशो में 60 क़िग्रा और अमेरिका में 80 क़िग्रा प्लास्टिक प्रयोग किया जाता है।प्लास्टिक बनाने में आसान और सस्ता है और वे एक लंबे समय तक चलता है। दुर्भाग्य से ये उपयोगी गुणों वाला प्लास्टिक ही एक बड़ी समस्या प्रदूषण बना सकता है। क्योंकि प्लास्टिक सस्ते है, लोग आसानी से इसे फेंक देते है और वातावरण में बने रहने से बड़ा नुकसान हो सकता है।

Answered by sanjana7648
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