plastic ki duniya essay (hindi) help me
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प्लास्टिक एक ऐसा कृत्रिम पदार्थ है जिसका निर्माण पेट्रोकेमिकल से किया जाता है। किसी भी रूप या साँचे मे ढाले जा सकने के कारण ,आज प्लास्टिक एक बहू उपयोगी पदार्थ बन गया है। संसार के प्रत्येक क्षेत्र मे चाहे वह घरेलू उपयोग की वस्तुएं हो या अंतरिक्ष मे भेजे जाने वाले यान , सभी मे प्लास्टिक का बहुतायत से प्रयोग किया जा रहा है। मानो ऐसा लगता है कि हम प्लास्टिक की दुनिया मे जी रहे है। चिकित्सा के क्षेत्र मे प्लास्टिक के उपयोग से आज कृत्रिम अंग लगाना भी संभव हुआ है। प्लास्टिक से बने फर्नीचर आदि के इस्तेमाल से वनो की अंधाधुंध कटाई कम हुई है। सस्ता होने के कारण गरीब जनता भी इससे बनी वस्तुएँ जैसे प्लास्टिक के बर्तन , खिलौने आदि का उपभोग कर सकते है ।पेन , बोतल , कपड़े , मोबाइल फोन , आदि ऐसी कई वस्तुएं है जिनका उपयोग हम दैनिक जीवन मे करते है। अनेक लाभ होने के साथ साथ प्लास्टिक से कुछ हानियाँ भी है। प्लास्टिक अवशिष्ट आसानी से नष्ट नहीं होते अतः ये हमारे पर्यावरण को प्रदूषित करते है। प्लास्टिक ज्वलनशील होने के कारण , आग लगने पर यह आग को और भड़काता है । नए नए आविष्कार हमेशा ही समाज को विकसित करने और मनुष्य को लाभ देने के लिए किया जाता रहा हैं|प्लास्टिक भी विज्ञान की एक ऐसी देन हैं जिसका उपयोग वरदान के रूप मे करना हैं या अभिशाप के रूप मे यह बात मनुष्य-समाज पर निर्भर हैं |यह हम सभी का कर्तव्य हैं की प्लास्टिक का उपयोग हम सावधानी और समझदारी से समाज के हित के लिए करे|
Answer:
सुबह उठने से लेकर देर रात सोने तक हम जिन वस्तुओ का उपयोग करते है,उन वस्तुओ में ज्यादातर सभी प्लास्टिक की बनी होती है|विज्ञान के चमत्कारों से हम सभी भली-भांति परिचित है|विज्ञान ने ही अनेक कृत्रिम धातुओं,पदार्थो तथा तत्वों का निर्माण किया है,जिसमे से प्लास्टिक एक है|प्लास्टिक आज के संसार का महत्वपूर्ण पदार्थ है|या यूँ कह सकते है आज का युग प्लास्टिक का युग है|सुबह के टूथब्रश से लेकर हमारी स्कूटर,कार की बाड़ी तक हर जगह प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है|आज बच्चों के खिलौने,क्राकरी,फर्नीचर,आदि
सभी में प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है|आज प्लास्टिक के बिना मानव जीवन असंभव सा प्रतीत होता है|इसके उपयोग का विशेष कारण है,इसका तापरोधक होना,आवाज कम करना व किसी भी फ्रेम में आसानी से ढल जाना तथा इसे पिघलाकर इसमें विशेष रंग भर सकते है,साथ ही साथ यह वाटरप्रूफ भी होती है|मजबूती में यह पत्थर और स्टील की तरह मजबूत होती है|तथा लचक में रबर जैसी लचीली होती है|इसमें दीमक और जंग भी नही लगती है और हम सभी को बाजार में इससे बने हुए सामान काफी सस्ते में मिल जाते है|
प्लास्टिक का प्रयोग परिधानों,वस्त्रों,घर व रेस्त्रां में उसे रंग-बिरंगा एवं सुन्दर बनाने में भी किया जाता है|जब बात हम प्लास्टिक की करते है,तो भारत वर्ष में आई० पी० सी० एल० नामक संस्था का योगदान महत्वपूर्ण है|आई० पी० सी० एल० से प्लास्टिक संसार में जो क्रांति आई उसका श्रेय जाता है,आई० पी० सी० एल० के चेयर मैन तथा एम० डी० डॉ० वर्धराजन को,उन्होंने प्लास्टिक के संसार में ऐसी क्रांति उत्पन्न की,भारत वर्ष में उनका नाम हमेशा इस क्षेत्र से जुड़ा रहेगा|प्लास्टिक में सहस्त्रों गुण है लेकिन उसका एक दुर्गुण काफी खतनाक है, प्लास्टिक का कभी मिट्टी न बन पाना और पञ्चमहाभूतों से बना ये संसार और इस संसार की कोई भी वस्तु अन्ततः मिट्टी में नही मिल पाती तो वह धरती के लिए खतरा बन जाती है|प्लास्टिक के दुरपयोग से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है इसका सबसे विकृत रूप पोलीथीन बैग के रूप में दिखाई देता है| माता कही जाने वाली गाय प्लास्टिक में फेके गये अन्न एवं छिलकों को बैग सहित खा जाती है|गायों की जब मृत्यु होती है,उनके पेट से प्लास्टिक बैग की ये पोटलियाँ निकलती है|प्लास्टिक यदि संसार के लिए लाभकारी है तो हमें यह भी याद रखना चाहिये कि हम इसका उपयोग कैसे करे, नहीं तो भस्मासुर वाली कहावट सिद्ध हो सकती है