Hindi, asked by boradindu1977, 1 month ago

plastic ki duniya essay writing in hindi​

Answers

Answered by devindersaroha43
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Answer:

Explanation:

भूमिका

प्लास्टिक एक बहुपयोगी पदार्थ है, जिसका प्रयोग आज-कल इस हद तक बढ़ गया है कि जिधर भी निगाह डालें, इससे बनी वस्तुएँ नज़र आती हैं। प्लास्टिक ने मनुष्य के जीवन और दैनिक कार्यों में इतनी गहरी पैठ बना ली है कि इसको दैनिक जीवन से अलग करना कठिन हो गया है। यह विज्ञान की अद्भुत खोज है, जिसका संसार सर्वव्यापी हो गया है। प्लास्टिक वह पदार्थ है, जिसने जाने-अनजाने, चाहे-अनचाहे मनुष्य की दुनिया में जबरदस्ती जगह बनाई है।

प्लास्टिक की उपयोगिता एवं महत्व  

प्लास्टिक अत्यंत उपयोगी पदार्थ है। अपनी उपयोगिता के कारण यह सर्वत्र छा गया है। प्लास्टिक के आविष्कार ने सामानों की दुनिया को रंग-बिरंगी बना दिया है। आज हम अपने घर में नजर डालें तो टिफिन बॉक्स, मग, बाल्टी, ट्रे, डिब्बे, कार, बाइक, मोटर गाड़ियों के विभिन्न पुर्जे, स्टूल, कुर्सियाँ, मेजें, पाइपें आदि सब प्लास्टिक से बनी नजर आती हैं।

खाने पीने की लगभग सारी वस्तुएँ प्लास्टिक के डिब्बों और थैलियों में ही पैक मिलती है सब्जी लेना हो या दूध सब प्लास्टिक की थैलियों में उपलब्ध है। क्रेता-विक्रेता दोनों ही इनके प्रयोग से खुश हैं। प्लास्टिक वजन में हल्का,प्रयोग में मजबूत और टिकाऊ तथा सर्वसुलभ है। यह पानी में गलता नहीं

प्लास्टिक की लुभावनी दुनिया  

प्लास्टिक वह बहुपयोगी पदार्थ है, जिससे बनी वस्तुएँ अत्यंत आकर्षक होती हैं। इसका कारण है- प्लास्टिक का लचीला होना, प्लास्टिक से बने खिलौने, बर्तन, मूर्तियाँ, छाते, तिरपाल, शीशियाँ – बोतलें आदि मन को हर लेते हैं। रंगों के मेल ने प्लास्टिक को और भी आकर्षक बना दिया है। इससे बनी वस्तुएँ इतनी हल्की होती हैं कि इन्हें कहीं लाना ले जाना आसान होता है। इन वस्तुओं को बस देखते ही रहने का मन करता है।

प्लास्टिक से हानि

प्लास्टिक जितना लुभावना, सर्वसुलभ, सस्ता और विभिन्न रूपों में काम आने वाला पदार्थ है, उतना ही हानिकारक भी है। प्लास्टिक का सबसे बड़ा दुर्गुण है यह है कि यह मिट्टी में रहकर भी सैकड़ों सालों तक ज्यों के त्यों बना रहता है। प्लास्टिक पानी में रहकर भी नहीं गलता है। इस कारण यह नालियों और नाली में फँस जाता है। इसके अलावा प्लास्टिक आसानी से आग पकड़ने वाला पदार्थ है। यदि इससे बने सामानों में आग लग गई तो इसे बुझाना असंभव-सा हो जाता है। प्लास्टिक को जलाने से जहरीली गैसें निकलती हैं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि होती है, जिससे पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है

उप:सहार

प्लास्टिक आकर्षक एवं सर्वसुलभ पदार्थ हैं, जो विविध रूपों में हमारे आस-पास मौजूद है। विभिन्न वस्तुओं के रूप में इसका खूब प्रयोग भी किया जा रहा है। परंतु इससे होने वाली हानियों को देखते हुए इसके प्रयोग को कम करते-करते पूरी तरह से बंद करने की आवश्यकता है। पर्यावरण को होने वाली हानियों को देखते हुए कई शहरों में इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। यद्यपि प्लास्टिक का प्रयोग आसान जरूर है, पर यह पर्यावरण के लिए घातक है। आइए हम सब प्लास्टिक को ‘ना’ कहें और लोगों को इससे प्रति जागरूक करें।

तो दोस्तों आपने  प्लास्टिक की दुनिया ( plastic ki duniya ) निबंध पूरा पद लिया या फिर आपने नोट कर  लिया होगा।  अगर आपको प्लास्टिक की दुनिया का निबंध अच्छा लगे तो शेयर जरूर करे।

Answered by shivanshi3265
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Answer:

सुबह उठने से लेकर देर रात सोने तक हम जिन वस्तुओ का उपयोग करते है,उन वस्तुओ में ज्यादातर सभी प्लास्टिक की बनी होती है|विज्ञान के चमत्कारों से हम सभी भली-भांति परिचित है|विज्ञान ने ही अनेक कृत्रिम धातुओं,पदार्थो तथा तत्वों का निर्माण किया है,जिसमे से प्लास्टिक एक है|प्लास्टिक आज के संसार का महत्वपूर्ण पदार्थ है|या यूँ कह सकते है आज का युग प्लास्टिक का युग है|सुबह के टूथब्रश से लेकर हमारी स्कूटर,कार की बाड़ी तक हर जगह प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है|आज बच्चों के खिलौने,क्राकरी,फर्नीचर,आदिसभी में प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है|आज प्लास्टिक के बिना मानव जीवन असंभव सा प्रतीत होता है|इसके उपयोग का विशेष कारण है,इसका तापरोधकहोना,आवाज कम करना व किसी भी फ्रेम में आसानी से ढल जाना तथा इसे पिघलाकर इसमें विशेष रंग भर सकते है,साथ ही साथ यह वाटरप्रूफ भी होती है|मजबूती में यह पत्थर और स्टील की तरह मजबूत होती है|तथा लचक में रबर जैसी लचीली होती है|इसमें दीमक और जंग भी नही लगती है और हम सभी को बाजार में इससे बने हुए सामान काफी सस्ते में मिल जाते है|प्लास्टिक का प्रयोग परिधानों,वस्त्रों,घर व रेस्त्रां में उसे रंग-बिरंगा एवं सुन्दर बनाने में भी किया जाता है|जब बात हम प्लास्टिक की करते है,तो भारत वर्ष में आई० पी० सी० एल० नामक संस्था का योगदान महत्वपूर्ण है|आई० पी० सी० एल० से प्लास्टिक संसार में जो क्रांति आई उसका श्रेय जाता है,आई० पी० सी० एल० के चेयर मैन तथा एम० डी० डॉ० वर्धराजन को,उन्होंने प्लास्टिक के संसार में ऐसी क्रांति उत्पन्न की,भारत वर्ष में उनका नाम हमेशा इस क्षेत्र से जुड़ा रहेगा|प्लास्टिक में सहस्त्रों गुण है लेकिन उसका एक दुर्गुण काफी खतनाक है, प्लास्टिक का कभी मिट्टी न बन पाना और पञ्चमहाभूतों से बना ये संसार और इस संसार की कोई भी वस्तु अन्ततः मिट्टी में नही मिल पाती तो वह धरती के लिए खतरा बन जाती है|प्लास्टिक के दुरपयोग से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है इसका सबसे विकृत रूप पोलीथीन बैग के रूप में दिखाई देता है| माता कही जाने वाली गाय प्लास्टिक में फेके गये अन्न एवं छिलकों को बैग सहित खा जाती है|गायों की जब मृत्यु होती है,उनके पेट से प्लास्टिक बैग की ये पोटलियाँ निकलती है|प्लास्टिक यदि संसार के लिए लाभकारी है तो हमें यह भी याद रखना चाहिये कि हम इसका उपयोग कैसे करे, नहीं तो भस्मासुर वाली.

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