Plastic ki duniya ka badta samrajya pe launched lekhan
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ᴀɴꜱᴡᴇʀ..
टूथब्रश से सुबह ब्रश करना हो या ऑफिस में दिन भर कम्प्यूटर पर काम, बाजार से कोई सामान लाना हो या टिफिन और वॉटर बॉटल में खाना और पानी लेकर चलना। प्लास्टिक हर जगह है, हर समय है। आइए पहले जानते हैं प्लास्टिक से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जो पर्यावरण के प्रति प्लास्टिक से उपजे खतरे की तस्वीर साफ करते हैं।
टूथब्रश से सुबह ब्रश करना हो या ऑफिस में दिन भर कम्प्यूटर पर काम, बाजार से कोई सामान लाना हो या टिफिन और वॉटर बॉटल में खाना और पानी लेकर चलना। प्लास्टिक हर जगह है, हर समय है। आइए पहले जानते हैं प्लास्टिक से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जो पर्यावरण के प्रति प्लास्टिक से उपजे खतरे की तस्वीर साफ करते हैं।
टूथब्रश से सुबह ब्रश करना हो या ऑफिस में दिन भर कम्प्यूटर पर काम, बाजार से कोई सामान लाना हो या टिफिन और वॉटर बॉटल में खाना और पानी लेकर चलना। प्लास्टिक हर जगह है, हर समय है। आइए पहले जानते हैं प्लास्टिक से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जो पर्यावरण के प्रति प्लास्टिक से उपजे खतरे की तस्वीर साफ करते हैं। पूरे विश्व में प्लास्टिक का उपयोग इस कदर बढ़ चुका है और हर साल पूरे विश्व में इतना प्लास्टिक फेंका जाता है कि इससे पूरी पृथ्वी के चार घेरे बन जाएं। प्लास्टिक केमिकल बीपीए शरीर में विभिन्न स्त्रोतों से प्रवेश करता है। एक अध्ययन में पाया गया कि 6 साल से बड़े 93 प्रतिशत अमेरिकन जनसंख्या प्लास्टिक केमिकल BPA ( कुछ किस्म का प्लास्टिक साफ और कठोर होती है, जिसे बीपीए बेस्ड प्लास्टिक कहते हैं, इसका इस्तेमाल पानी की बॉटल, खेल के सामान, सीडी और डीवीडी जैसी कई वस्तुओं में किया जाता है ) को अवशोषित कर लेती है
टूथब्रश से सुबह ब्रश करना हो या ऑफिस में दिन भर कम्प्यूटर पर काम, बाजार से कोई सामान लाना हो या टिफिन और वॉटर बॉटल में खाना और पानी लेकर चलना। प्लास्टिक हर जगह है, हर समय है। आइए पहले जानते हैं प्लास्टिक से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जो पर्यावरण के प्रति प्लास्टिक से उपजे खतरे की तस्वीर साफ करते हैं। पूरे विश्व में प्लास्टिक का उपयोग इस कदर बढ़ चुका है और हर साल पूरे विश्व में इतना प्लास्टिक फेंका जाता है कि इससे पूरी पृथ्वी के चार घेरे बन जाएं। प्लास्टिक केमिकल बीपीए शरीर में विभिन्न स्त्रोतों से प्रवेश करता है। एक अध्ययन में पाया गया कि 6 साल से बड़े 93 प्रतिशत अमेरिकन जनसंख्या प्लास्टिक केमिकल BPA ( कुछ किस्म का प्लास्टिक साफ और कठोर होती है, जिसे बीपीए बेस्ड प्लास्टिक कहते हैं, इसका इस्तेमाल पानी की बॉटल, खेल के सामान, सीडी और डीवीडी जैसी कई वस्तुओं में किया जाता है ) को अवशोषित कर लेती हैअरबों पाउंड प्लास्टिक पृथ्वी के पानी स्त्रोतों खासकर समुद्रों में पड़ा हुआ है। 50 प्रतिशत प्लास्टिक की वस्तुएं हम सिर्फ एक बार काम में लेकर फेंक देते हैं। प्लास्टिक के उत्पादन में पूरे विश्व के कुल तेल का 8 प्रतिशत तेल खर्च हो जाता है। प्लास्टिक को पूरी तरह से खत्म होने में 500 से 1,000 साल तक लगते हैं। प्लास्टिक के एक बेग में इसके वजन से 2,000 गुना तक सामान उठाने की क्षमता होती है।
प्लास्टिक से मनुष्य का गहरा संबंध हो गया है। प्लास्टिक के बर्तन, प्लास्टिक के खिलौने, प्लास्टिक की वाशिंग मशीन, फ्रिज, कंप्यूटर, मोबाइल फ़ोन आदि अनेक वस्तुएँ हैं जिनका हम प्रतिदिन इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त प्लास्टिक की थैली का चलन तो आजकल बहुत हो रहा है। हम बाजार से कोई चीज खरीदने जाते। हैं, चाहे वह सब्जी हो, दुध हो, दही हो, दाल हो- सब कुछ हमें प्लास्टिक की थैली में ही मिलता है जिसमें दूध, ब्रेड आदि तो पहले से ही प्लास्टिक की थैली में पैक होते हैं। हालाँकि सरकार प्लास्टिक की थैली के इस्तेमाल पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगा देना चाहती है परंतु वह अपने इस प्रयास में अभी तक पूर्णतः सफल नहीं हो पाई है। वैसे अपने हित के बारे में तो सबको सोचने का अधिकार है और हमारा सबका हित इसी में है कि हम कम से कम रंगीन थैलियों का इस्तेमाल करें क्योंकि प्लास्टिक की ये रंगीन थैलियाँ प्रयोग की गई थैलियों से बनाई जाती हैं इसलिए ये अत्यधिक विषैली और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होती हैं।